प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर भाषण दिया। उन्होंने विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। लेकिन पहलगाम हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या द्विवेदी ने कहा कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में पहलगाम हमले में मारे गए 26 लोगों का जिक्र नहीं किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर लंबा भाषण दिया। उन्होंने युद्ध के संबंध में विपक्ष के सभी सवालों का विस्तार से जवाब दिया।
पीएम मोदी के भाषण के बाद पहलगाम हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या द्विवेदी ने निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान में पहलगाम में मारे गए 26 लोगों का जिक्र तक नहीं किया। इसके साथ, उन्होंने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और सांसद प्रियंका गांधी का धन्यवाद भी किया।
एएनआई के साथ बातचीत के दैरान ऐशान्या द्विवेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने संसद में विस्तार से सब कुछ कहा। पहलगाम हमले के ठीक बाद, विपक्ष ने सवाल उठाया कि सरकार कुछ क्यों नहीं कर रही है। फिर ऑपरेशन सिंदूर हुआ।
उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद जब ऑपरेशन सिंदूर रोक दिया गया, तो विपक्ष ने फिर सवाल करना शुरू कर दिया कि हम कुछ क्यों नहीं कर रहे हैं?
इसपर प्रधानमंत्री ने जवाब दिया कि सरकार अपनी तरफ से बहुत कुछ कर रही है, उसे बार-बार अपनी एक्टिविटी को साबित करने की जरूरत नहीं है।
ऐशान्या द्विवेदी ने कहा कि मुझे एक बात का बहुत दुख है। वह यह कि प्रधानमंत्री ने उन 26 लोगों का जिक्र तक नहीं किया। जो पहलगाम हमले में मारे गए।
प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने उनका जिक्र किया और मैं इसके लिए उनका शुक्रिया अदा करता हूं। मुझे उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री उन 26 लोगों का जिक्र करेंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
शुभम की पत्नी ने कहा कि युद्ध विराम करना हमारे सशस्त्र बलों और सरकार का फैसला रहा होगा। इसमें किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं रही होगी। हमारा देश अपने फैसले लेने में सक्षम है।
पहलगाम में एक क्रूर और निर्दयी हमला हुआ। जिसका आयोजन और संचालन स्पष्ट रूप से पाकिस्तानी सरकार ने किया था। युवाओं और वृद्धों की निर्मम हत्या की गई। इस सदन में मौजूद हर एक व्यक्ति ने मिलकर पाकिस्तान की निंदा की। इसके बाद ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ।
राहुल गांधी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर शुरू होते ही, बल्कि शुरू होने से पहले ही, विपक्ष ने प्रतिबद्धता जताई कि हम भारत की सेना और निर्वाचित सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़े रहेंगे। हमने उनके कुछ नेताओं की ओर से कुछ व्यंग्यात्मक टिप्पणियां सुनीं, लेकिन हमने कुछ नहीं कहा।
यह एक ऐसी बात थी जिस पर भारत गठबंधन के सभी वरिष्ठ नेतृत्व सहमत थे। हमें बहुत गर्व है कि एक विपक्ष के रूप में हम एकजुट रहे, जैसा कि हमें होना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के बाद मैं करनाल में नरवाल जी के घर गया। उनका बेटा नेवी में था और वो खुद सीआरपीएफ में थे। मुझे ऐसा लगा जैसे मैं अपने ही परिवार के साथ बैठा हूं। उन्होंने मुझे अपने बेटे की तस्वीरों वाली एल्बम दिखाई और उसके बारे में बताया।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि एक तरह से उन्होंने मुझे अपने परिवार के बारे में बताया। उसके बाद, उत्तर प्रदेश में मैं एक और परिवार से मिला, जहां आतंकवादियों ने एक पति को उसकी पत्नी के सामने ही मार डाला। यह बहुत दर्दनाक और दुःखद है। जो कुछ भी हुआ वो गलत था, सभी ने इसकी निंदा की।
वहीं, लोसकभा में भाषण देते हुए कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि पहलगाम में शहीद हुए वे 25 भारतीय भी हमारी-आपकी तरह इंसान थे। वे किसी राजनैतिक बिसात के मोहरे नहीं थे। वे इस देश के बेटे थे। वे इस देश के शहीद हैं। उनके परिजनों के प्रति हम सब की जवाबदेही है। उन्हें सच जानने का हक है।