सवाल : चुनावी बॉन्ड को लेकर विपक्ष ने देशभर में हल्ला मचाया। चुनावी बांड की व्यवस्था कितनी सही है?
जवाब: चुनावी बॉन्ड व्यवस्था देश के हित में लाई गई थी। लेकिन विपक्ष ने झूठ फैलाकर देश को गुमराह किया। बॉन्ड व्यवस्था समाप्त होने से देश के चुनावों में काले धन का प्रभाव बढ़ेगा। हम यदि ईमानदारी से विचार करेंगे तो इसके बिना चुनावों को काले धन की ओर धकेल दिया गया है। बाद में हर किसी को पछतावा होगा। चुनावी बॉन्ड व्यवस्था सफलता के रूप में देखा जाना चाहिए क्योंकि इससे यह पता चलता है कि राजनीतिक दलों को किसने योगदान दिया है। हमारे मन में पवित्र विचार थे, इसलिए एक व्यवस्था बनाई थी, ताकि चुनावों में काले धन के उपयोग को रोका जा सके। लेकिन विपक्ष ने हमेशा आरोप लगाकर भागने का ही काम किया है।
सवाल : रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आमंत्रण कांग्रेस ने ठुकरा दिया। इसके पीछे उनकी क्या सोच रही होगी?
जवाब: राम मंदिर निर्माण का देश के विभाजन के समय ही हो सकता था। लेकिन कांग्रेस ने वोट पॉलिटिक्स के तहत इस मसले को पकड़ कर हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। अदालत का फैसला न आ जाए, इसलिए उसमें अड़ंगे लगाए गए। जब रामलला का मंदिर बन गया तो वोट बैंक की राजनीति के लिए कांग्रेस समेत अनेक विपक्षी दलों ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आमंत्रण तक को ठुकरा दिया। कांग्रेस व विपक्ष के लोगों को गर्व होना चाहिए था कि मंदिर के लिए संघर्ष करने वालों ने उनके सभी पापों को भुलाकर आमंत्रित किया था, लेकिन वोट बैंक ने उसे असहाय बना दिया और उसने आमंत्रण ठुकरा दिया।