मूंग, धान, जवार समेत इनके मूल्यों पर वृद्धि पीय़ूष गोयल ने आगे बताया कि धान के अलावा मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य सबसे अधिक बढ़ाकर 8,558 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मूंग दाल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सबसे ज्यादा 10.4 फीसदी, मूंगफली पर 9%, सेसमम पर 10.3%, धान पर 7%, जवार, बाजरा, रागी, मेज, अरहर दाल, उड़द दाल, सोयाबीन और सूरजमुखी बीज पर वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए लगभग 6 से 7 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
BSNL के लिए पैकेज को मिली मंजूरी इसके अलावा बैठके में बीएसएनएल के पैकेज पर बात करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि BSNL के लिए तीसरे रिवाइवल पैकेज (Revival Package) को मंजूरी दे दी गई है। साथ ही इसे 4G/5G स्पेक्ट्रम के तहत आवंटित करने का फैसला भी लिया गया है। जबकि इसके लिए 89047 करोड़ रुपये का पैकेज तय किया गया है।
मेट्रो विस्तार से लोगों को मिलेगा फायदा बैठक में हुडा सिटी सेंटर से साइबर सिटी गुरुग्राम के साथ द्वारका एक्सप्रेस वे साइड लाइन को जोड़ने वाली मेट्रो सम्पर्क के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इस बात की जानकारी पीयूष गोयल ने बैठक में दी। उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव के लिए 5,452 करोड़ रुपए की लागत लगेगी। उन्होंने यह भी बताया कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों संबंधी मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) की बैठक में शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है।
गोयल ने कहा कि इसके तहत मेट्रो का 28.5 किलोमीटर का विस्तार होगा और इसमें 27 स्टेशन होंगे। मंजूरी के बाद से इस परियोजना को पूरा होने में चार साल लगेंगे। इससे हरियाणा खासकर गुरुग्राम और दिल्ली के लोगों को फायदा होगा।
ओडिशा रेल हादसे और मणिपुर हिंसा पर ये कहा पीयूष गोयल ने कैबिनट की बैठक के दौरान ओडिशा रेल हादसे मणिपुर हिंसा बात करते हुए मरने वालों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की। साथ ही घायल लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की गई। बता दें कि ओडिशा के बालासोर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन के पास शुक्रवार (2 जून) की शाम करीब सात बजे तीन ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गईं। जिसमें हावड़ा-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस और स्टेशन पर खड़ी हुई माल गाड़ी थी। हादसे में 288 लोगों की मौत हुई है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं। अब तक हिंसा में करीब 100 लोगों की मौत हुई है।