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भगत सिंह के जन्म दिन के मौके पर उनके पुश्तैनी गांव पहुंचे पंजाब सीएम, कहा- वह हमारे दिलों में हमेशा ज़िंदा रहेंगे

शहीद भगत सिंह के जन्म दिन के मौके पर पंजाब सरकार ने उनके पुश्तैनी गांव खटकड़ कलां में राज्य स्तरीय समागम का आयोजन किया। सीएम मान भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए और भगत सिंह को श्रद्वांजलि अर्पित की।

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भारत

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Himadri Joshi

Sep 30, 2025

Punjab CM visits Bhagat Singh's ancestral village

भगत सिंह के जन्म दिन के मौके पर उनके पुश्तैनी गांव पहुंचे पंजाब सीएम (फोटों - एक्स पोस्ट)

भारत के वीर पुत्र शहीद भगत सिंह की जयंती के मौके पर पूरे देश में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। पंजाब में भी भगत सिंह के सम्मान में कई प्रोगाम आयोजित हुए। इस मौके पर पंजाब सरकार की तरफ से भगत सिंह के पैतृक गांव, नवांशहर के खटकड़ कलां गांव में राज्य स्तरीय समागम का आयोजन भी किया गया। इस मौके पर पंजाब सीएम भगवत मान भी पार्टी के कई बड़े नेताओं के साथ खटकड़ कलां गांव पहुंचे और उन्होंने भगत सिंह को श्रद्वांजलि अर्पित की और उनके दिखाए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। इस दौरन सीएम मान ने शहीद भगत सिंह विरासती कॉम्प्लेक्स' के निर्माण कार्य का निरीक्षण भी किया।

मान ने एक्स पर पोस्ट शेयर कर दी जानकारी

सीएम भगवंत मान ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर इस बारे में जानकारी दी। मान ने लिखा, आज शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह जी के जन्म दिवस के अवसर पर उनके पुश्तैनी गांव खटकड़ कलां पहुचकर श्रद्धा के फूल अर्पित किए। शहीद भगत सिंह जी को नमन किया और उनके दिखाए मार्ग पर चलते रहने का संकल्प लिया। सीएम मान ने आगे लिखा, साथ ही 'शहीद भगत सिंह विरासती कॉम्प्लेक्स' के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। शहीद हमारे देश की धरोहर हैं, उनकी विरासत को संभालना हमारा फ़र्ज़ है। हमारी क़ौम के ये वीर हमारे दिलों में हमेशा ज़िंदा रहेंगे। इंक़लाब ज़िंदाबाद।

सारे सरकारी दफ्तरों में भगत सिंह के फोटो लगाए

सीएम मान ने यहां कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, पंजाब सरकार भगत सिंह की सोच को आगे बढ़ाते हुए काम कर रही है। सारे सरकारी दफ्तरों में भगत सिंह और अंबेडकर की फोटो लगाए गए हैं। उन्होंने आगे कहा, जब वह कलाकार थे, तब भी अक्सर खटकड़ कलां आते थे। जब भी नई कार लेते थे, तो उसे सबसे पहले यहां लेकर आते थे। उनका कहना है कि शहीदों के सपने तभी पूरे हो सकते हैं, जब थानों में बिना रिश्वत काम हो और अदालतों में लोगों को धक्के न खाने पड़ें।