कर्नाटक विधान परिषद सदस्य रवि ने कांग्रेस की बिदर, रायचूर, कोप्पल, बल्लारी, चिक्कोडी, दावणगेरे, चामराजनगर और हासन सीटों पर जीत को संदेहास्पद बताया।
दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान पूर्व बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव और कर्नाटक विधान परिषद सदस्य CT रवि ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की 9 सीटों पर जीत एक 'साजिश' और 'चुनावी धांधली' का परिणाम है। रवि ने कहा कि एनडीए ने कांग्रेस की साजिश के बावजूद कर्नाटक में 19 सीटें जीतकर लोकतंत्र की रक्षा की। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर साजिश नहीं होती, तो कैसे एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दामाद कालाबुरगी सीट से जीत सकते थे?
रवि ने कांग्रेस की बिदर, रायचूर, कोप्पल, बल्लारी, चिक्कोडी, दावणगेरे, चामराजनगर और हासन सीटों पर जीत को संदेहास्पद बताया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस इन सीटों पर केवल चुनावी धांधली से जीत सकती है। इसकी गहन जांच होनी चाहिए।”
रवि ने कहा कि राहुल गांधी और खड़गे खुद कह चुके हैं कि कर्नाटक में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी हुई। ऐसे में सवाल उठता है कि 2019 में जेडीएस और कांग्रेस मिलकर भी एक सीट ही जीत सके थे, तो 2024 में कांग्रेस ने 9 सीटें कैसे जीत लीं?
उन्होंने कहा, चुनाव आयोग के पास खुद का स्टाफ नहीं होता। वोटर लिस्ट का रिवीजन राज्य सरकार के राजस्व विभाग और शिक्षकों के माध्यम से होता है। उस समय कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार थी, इसलिए हेराफेरी का ज्यादा अवसर उन्हीं को था। रवि ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 2023 विधानसभा चुनाव में भी इसी तरह की धांधली कर सत्ता हासिल की थी।
रवि ने इतिहास का उदाहरण देते हुए कहा कि 1975 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस जगमोहनलाल सिन्हा ने इंदिरा गांधी को चुनावी धांधली का दोषी पाया था और सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया था। इसके बाद कांग्रेस ने इस्तीफा देने की बजाय देश में इमरजेंसी लगा दी और संविधान से छेड़छाड़ की। रवि ने कहा, कांग्रेस का इतिहास धांधली और सत्ता के दुरुपयोग का रहा है।
रवि ने कहा कि बीजेपी का इतिहास इस प्रकार की साजिश का नहीं है। लेकिन कांग्रेस ने हमेशा लोकतंत्र और चुनावी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है। उन्होंने कहा, एक कहावत है, चोर को घर की रखवाली मत दो। कांग्रेस का स्वभाव ही ऐसा है कि वे दूसरों पर वही आरोप लगाते हैं, जो वे खुद करते हैं।
CT रवि के इन आरोपों ने कर्नाटक की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कांग्रेस की 9 सीटों पर जीत को संदिग्ध बताते हुए जांच की मांग की है। अब देखना होगा कि कांग्रेस इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या चुनाव आयोग इस आरोप की जांच करता है।