
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार और लद्दाख प्रशासन को जारी किया नोटिस (फोटो-IANS)
Sonam Wangchuk’s wife moves Supreme Court: क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने लद्दाख प्रशासन की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत वांगचुक की गिरफ्तारी को चुनौती दी है। सोनम वांगचुक को अपने भाषणों के जरिए लेह में हिंसा भड़काने के आरोप में 26 सितंबर को एनएसए के तहत हिरासत में लिया गया था। उन्हें राजस्थान की जोधपुर जेल में रखा गया है।
गीतांजलि ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में इस गिरफ्तारी को गैरकानूनी और अन्यायपूर्ण बताया है। गीतांजलि ने अपने वकील सर्वम रितम खरे के जरिए दायर याचिका में सोनम वांगचुक पर NSA जैसा सख्त ने एक्ट लागू किए जाने पर सवाल खड़े किए हैं। गीतांजलि ने आरोप लगाया कि कई बार कोशिश करने के बावजूद उन्हें गिरफ्तारी के आदेश की कॉपी नहीं मिली, जिसे उन्होंने नियमों का उल्लंघन बताया। उन्होंने यह भी कहा कि सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद वे उनसे बात नहीं कर पा रही हैं।
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद एपेक्स बॉडी लेह और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस, ने बातचीत से हटने का फैसला किया। ये संगठन लद्दाख मामलों पर सरकार से लगातार बातचीत कर रहे थे, इन संगठनों का कहना है कि सरकार के इस कदम के पीछे राजनीतिक उद्देश्य हैं। हालांकि, लद्दाख प्रशासन ने राजनीतिक प्रतिशोध के आरोपों को खारिज कर दिया। प्रशासन ने कहा कि वांगचुक को विच हंट या स्मोकस्क्रीन ऑपरेशन के तहत निशाना नहीं बनाया जा रहा है।
केंद्र ने भी बयान जारी करते हुए कहा, "सरकार हमेशा लद्दाख मामलों पर एपेक्स बॉडी लेह और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के साथ किसी भी समय संवाद के लिए खुली रही है। हम एचपीसी या किसी अन्य मंच के माध्यम से एबीएल और केडीए के साथ चर्चा का स्वागत जारी रखेंगे।"
बता दें गीतांजलि ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे अपने पत्र में सोनम वांगचुक की रिहाई की भावनात्मक अपील की है। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों से उनके पति को उनके सामाजिक कार्यों के लिए निशाना बनाया जा रहा है और उनकी छवि को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
गीतांजलि ने लिखा, "मुझे नहीं पता कि मेरे पति इस समय किस स्थिति में हैं। वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो न केवल अपने देश, बल्कि किसी के लिए भी खतरा नहीं बन सकते। उन्होंने लद्दाख के वीर सपूतों की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया है और भारतीय सेना के साथ एकजुटता से खड़े हैं।" उन्होंने राष्ट्रपति से वांगचुक की बिना शर्त रिहाई की मांग करते हुए कहा कि यह न केवल उनके परिवार, बल्कि लद्दाख के उन हजारों लोगों के लिए न्याय होगा जो उनके कार्यों से प्रेरित हैं।
Updated on:
03 Oct 2025 10:50 am
Published on:
03 Oct 2025 09:45 am
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