
सुखपाल खैरा ने AAP पर साधा निशाना (IANS)
पंजाब की राजनीति में एक बार फिर तलवारें अटकी हुई हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक सुखपाल सिंह खैरा (Sukhpal Singh Khaira) ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी (AAP) और पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए राज्य की सत्ता पर सवाल खड़े कर दिए। खैरा ने दावा किया कि पंजाब का असली मुख्यमंत्री कौन है, यह सवाल अब आम जनता के बीच भी गूंज रहा है। उनका कहना है कि गृह विभाग का नियंत्रण मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) के हाथों में नहीं, बल्कि दिल्ली से संचालित एक 'प्रतिशोधी वॉर रूम' के इशारों पर चल रहा है।
खैरा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक विस्तृत पोस्ट साझा कर AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, "पंजाब का मुख्यमंत्री कौन है और गृह विभाग को कौन नियंत्रित कर रहा है? भगवंत मान तो बिल्कुल नहीं, क्योंकि आम आदमी पार्टी के मोहम्मद इरशाद के नेतृत्व में तीन वकीलों की एक टीम ने दिल्ली में एक प्रतिशोध वॉर रूम बना रखा है ताकि अरविंद केजरीवाल के सभी विरोधियों को झूठे आपराधिक मामलों में फंसाया जा सके! इसी इरशाद और अन्य वकीलों को पंजाब के अटॉर्नी जनरल कार्यालय में अतिरिक्त महाधिवक्ता भी नियुक्त किया गया है!"
खैरा ने आगे आरोप लगाया कि ये वकील मुख्यमंत्री भगवंत मान को दरकिनार कर पंजाब पुलिस और विजिलेंस ब्यूरो के अधिकारियों को दिल्ली बुलाते हैं और विपक्षी नेताओं व कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के आदेश देते हैं। उन्होंने खुद पर निशाना साधे जाने का जिक्र करते हुए कहा, "मुझ पर 5 आपराधिक मामले दर्ज करके और मुझे 5 महीने के लिए जेल भेजकर संतुष्ट न होकर, अरविंद केजरीवाल के इशारे पर काम करने वाले वकीलों की ये शरारती टीम पंजाब पुलिस पर दबाव बना रही है कि किसी तरह मुझे फिर से गिरफ्तार कर लिया जाए! मेरे अलावा 8-10 और नेताओं/कार्यकर्ताओं की सूची है जो केजरीवाल की हिट लिस्ट में हैं।"
यह आरोप पंजाब की सियासत में पहले भी सुर्खियां बटोर चुके हैं। सुखपाल खैरा का AAP के साथ पुराना बैर है। 2017 में वे AAP के विधायक बने थे, लेकिन पार्टी के आंतरिक कलह के कारण 2019 में निष्कासित हो गए। बाद में वे कांग्रेस में लौट आए और 2022 के विधानसभा चुनावों में मलेरकोटला से हार गए। 2023 में ड्रग्स के एक पुराने केस (NDPS एक्ट) में उनकी गिरफ्तारी हुई थी, जिसे उन्होंने राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया था। उस वक्त भी AAP सरकार पर विपक्ष ने निशाना साधा था, और सुप्रीम कोर्ट ने 2024 में उनकी जमानत को बरकरार रखा था।
पोस्ट के अंत में खैरा ने पंजाब के लोगों से अपील की, "मैं पंजाब के लोगों को बस इतना बताना चाहता हूं कि गैर पंजाबी किस तरह पंजाब में उत्पात मचा रहे हैं और हमारे राज्य को लूट रहे हैं।" यह बयान AAP पर 'बाहरी हस्तक्षेप' के आरोपों को और तेज कर सकता है, खासकर तब जब पार्टी दिल्ली चुनावों में 2025 की हार के बाद पंजाब में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
फिलहाल AAP या पंजाब सरकार की ओर से खैरा के इन आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन 2023 की गिरफ्तारी के दौरान AAP ने इसे 'कानूनी कार्रवाई' बताया था, जबकि कांग्रेस ने इसे 'राजनीतिक साजिश' करार दिया था। भाजपा और शिरोमणि अकाली दल ने भी उस समय खैरा का समर्थन किया था।
Published on:
18 Sept 2025 12:36 pm
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