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Air Force के 4 अधिकारियों की हत्या, पूर्व गृहमंत्री की बेटी का अपहरण सहित इन मामलों में था यासीन मलिक का हाथ

Yasin malik Terror Funding Case: कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक के टेरर फंडिग केस में आज दिल्ली की एनआईए कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने यासीन मलिक को उम्र कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ-साथ 10 लाख का जुर्माना भी लगाया है।
 

नई दिल्लीMay 25, 2022 / 06:22 pm

Prabhanshu Ranjan

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Terror Funding Case: Here know Major Crime Incident of Yasin Malik

Yasin malik Terror Funding Case: कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक के टेरर फंडिग केस में आज दिल्ली की एनआईए कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने यासीन मलिक को कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने का दोषी पाया है। कोर्ट ने यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा के साथ-साथ 10 लाख का जुर्माना भी लगाया है। एनआईए कोर्ट से मिली इस सजा के साथ ही यासीन को जेल भेज दिया गया है।

बताते चले कि कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को टेरर फंडिंग मामले में एनआईए कोर्ट ने 19 मई को यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के तहत दोषी करार दिया था। यासीन मलिक पर 2017 में कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप है। यासीन यूएपीए के तहत दर्ज ज्यादातर मामलों में अपने पर लगे आरोपों को मंजूर कर चुका है।

बीते कुछ साल से अलगाववादी नेता के रूप में रह रहा था यासीन-
1980 के दशक में पाकिस्तान जाकर आतंकवाद की ट्रेनिंग लेने वाला यासीन मलिक बीते कुछ सालों से अलगाववादी नेता के रूप में रह रहा था। इससे पहले उसने कश्मीर में भारत विरोधी कई गतिविधियों को अंजाम तक पहुंचाया है। आतंकियों की रिहाई के लिए देश के पूर्व गृह मंत्री की बेटी के अपहरण के साथ-साथ यासीन के हाथ कई आतंकी वारदातों में रहे हैं। यहां जानिए यासीन मलिक के कुछ बड़े आपराधिक मामले-

1989 में भाजपा नेता टीका लाल टपलू की हत्या-
यासीन मलिक आजाद कश्मीर का नारा देने वाले जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) से जुड़ा है। 1989-1990 के आसपास जेकेएलएफ ही एकमात्र आतंकी संगठन था। उसी ने पंडितों को विस्थापित होने के लिए मजबूर किया। हालांकि आजाद कश्मीर का नारा दिए जाने से पाकिस्तान जेकेएलएफ को पसंद नहीं करता था। इस कारण बाद में पाकिस्तान ने हिजबुल को शह देना शुरू कर दिया। इसी दौरान 1989 में आतंकियों ने भाजपा नेता टीका लाल टपलू की हत्या की।

मकबूल भट को फांसी की सजा सुनाने वाले जज को मार डाला-
भाजपा नेता टीका लाल टपलू की हत्या के डेढ़ महीने बाद चार नवंबर 1989 को रिटायर जज नीलकंठ गंजू की हरि सिंह स्ट्रीट में आतंकियों ने हत्या कर दी। यह हत्या आतंकी मकबूल भट को फांसी की सजा सुनाए जाने के बदले में की गई, क्योंकि गंजू ने ही उसे एक इंस्पेक्टर की हत्या मामले में सजा सुनाई थी। कहा जाता है कि इस हत्या में भी यासीन मलिक और जावेद मीर नलका शामिल थे।

1989 में गृहमंत्री की बेटी के अपहरण में रहा शामिल-
इसी बीच भारत के अलग-अलग जेलों में बंद कुख्यात आतंकवादियों को रिहा कराने के उद्देश्य से पाकिस्तानी आतंकवादियों ने आठ दिसंबर 1989 को गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद का अपहरण कर लिया था। रुबिया सईद की रिहाई के लिए भारत को पांच खूंखार आतंकवादियों को छोड़ना पड़ा था। इन पांच आतंकवादियों में से एक नलका भी था। इस घटना में भी यासीन मलिक का साथ था।

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जनवरी 1990 में चार वायुसेना अधिकारियों की हत्या की-
25 जनवरी 1990 को यासीन मलिक और जेकेएलएफ के अन्य आतंकियों ने श्रीनगर में वायुसेना के जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग की। इसमें चार की मौत हो गई, जबकि 40 अन्य घायल हो गए। बताते चले कि यासीन मलिक श्रीनगर का रहने वाला है। उसने श्रीनगर के एसपी कॉलेज से ग्रेजुएशन तक की पढाई की है। बताया जाता है कि 1988 में अन्य लोगों के साथ आतंकवादी ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भी गया था।

1990-94 तक जेल में बंद था यासीन मलिक-
अगस्त 1990 में भारतीय सुरक्षाबलों ने यासीन को पकड़ा था, जिसके बाद वह 1994 तक जेल में रहा। इसके बाद मलिक ने अपने संगठन जेकेएलएफ के साथ युद्ध विराम की घोषणा की। युद्ध विराम की घोषणा के बाद यासीन मलिक ने अपने आप को अलगाववादी नेता बताते हुए एक नये सफर पर चल निकला। इस छवि में उसे कई बार गिरफ्तार किया गया।

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इन मामलों में यासीन मलिक पर चला मुकदमा-
2017 में यासीन मलिक पर आतंकी घटनाओं से जुड़ने और घाटी में माहौल खराब करने की साजिश करने का आरोप लगा। उसपर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) की धारा 16 (आतंकी गतिविधि), धारा 17 (आतंकी फंडिंग), धारा 18 (आतंकी गतिविधि की साजिश) और धारा 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) सहित आईपीसी की धारा 120-B (आपराधिक साजिश) और 124-A (राजद्रोह) के तहत केस दर्ज किया गया था। जिसके बाद लंबी चली जांच प्रक्रिया में उसे इन मामलों का दोषी पाया गया।

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