Vice President Election: जगदीप धनखड़ ने अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल 2027 को पूरा होने वाला था, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
Vice President Election 2025: मानसून सत्र के पहले दिन जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा (Jagdeep Dhankhar resign) देने के बाद नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद अगले उपराष्ट्रपति कौन होंगे, इसको लेकर भी तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। वहीं यह भी अनुमान लगाए जा रहे थे कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या रामनाथ ठाकुर को उपराष्ट्रपति बनाया जा सकता है। दरअसल, इस साल के अंत तक बिहार में विधानसभा चुनाव होने है, ऐसे में इसको चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा था। हालांकि अब दोनों बातें खारिज हो गई है।
NDTV की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी से ही अगले उपराष्ट्रपति होंगे। बीजेपी के सूत्र ने उन अटकलों को खारिज कर दिया, जिसमें नीतीश कुमार और रामनाथ ठाकुर का नाम अगले उपराष्ट्रपति के लिए बताया जा रहा था। बीजेपी नेता ने बताया कि उपराष्ट्रपति वह व्यक्ति होगा जो कि पार्टी की विचारधारा से गहराई से जुड़ा हुआ हो।
बता दें कि इससे पहले केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। इसके बाद कयास लगाया जाने लगा कि अगले उपराष्ट्रपति के लिए रामनाथ ठाकुर का नाम हो सकता है। लेकिन बीजेपी सूत्रों ने इस अटकल को खारिज कर दिया और कहा कि यह नियमित बातचीत है।
उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष ने अभी तक किसी के नाम का प्रस्ताव नहीं रखा है। बता दें कि पहले 16 में से केवल चार उपराष्ट्रपति का चुनाव बिना किसी मुकाबले के हुआ था। हो सकता है कि विपक्ष बाद में किसी के नाम की घोषणा कर सकता है।
बता दें कि उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के प्रत्याशी के नाम का चयन बीजेपी संसदीय बोर्ड द्वारा किया जाएगा। बोर्ड के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, जो कि इस समय विदेश दौरे पर है। ऐसे में विदेश दौरे से लौटने के बाद एनडीए अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर सकती है।
बता दें कि जगदीप धनखड़ ने अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल 2027 को पूरा होने वाला था, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद तमाम तरह की अटकलें भी लगाई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक धनखड़ ने कई बार लक्ष्मण रेखा पार की थी, लेकिन जस्टिस यशवंत वर्मा पर महाभियोग चलाने के लिए विपक्ष समर्थित प्रस्ताव को स्वीकार करने का उनका निर्णय ही ट्रिगर प्वाइंट बताया जा रहा है।