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Unclaimed Cash: Shocking! बैंकों में जमा 78,213 करोड़ रुपयों का कोई दावेदार नहीं, जानें वजह

Unclaimed Cash: बैंकों में जमा 78,213 करोड़ रुपयों का कोई दावेदार नहीं, अनक्लेम्ड राशि : एक साल में 15,988 करोड़ बढ़ीबैंकों में जमा 78,213 करोड़ रुपयों का कोई दावेदार नहीं

Unclaimed Cash: बैंकों में बिना दावे वाली जमा राशि एक साल में 26 फीसदी बढक़र 31 मार्च के अंत तक 78,213 करोड़ रुपए हो गई। यह पिछले साल के मुकाबले 15,988 करोड़ रुपए ज्यादा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की गुरुवार को जारी सालाना रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले साल मार्च के अंत में यह राशि 62,225 करोड़ रुपए थी।
जब 10 या उससे ज्यादा साल तक किसी खाते में जमा राशि पर लेन-देन नहीं किया जाता तो सहकारी समेत सभी बैंक खाते को निष्क्रिय मान लेते हैं। इन खातों में पड़ी राशि को बैंक शिक्षा एवं जागरूकता (डीईए) कोष में स्थानांतरित करते हैं।

आरबीआइ ने निष्क्रिय खातों पर अनुदेशों को युक्तिसंगत बनाने के मकसद से इस साल की शुरुआत में बैंकों को व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए थे। संशोधित निर्देश सभी वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों में एक अप्रेल 2024 से लागू हुए। अगर आपका कोई पुराना बैंक खाता है, जिसका उपयोग नहीं कर रहे हैं तो जरूरी है कि उसमें जमा राशि पर नजर रखें। ऐसा नहीं करने पर आपकी राशि डीईए कोष में स्थानांतरित हो सकती है। अपने सभी बैंक खातों की नियमित जांच करें। जिस खाते का उपयोग नहीं कर रहे हैं, उसे बंद कर दें।

बैंकों के जटिल नियम भी एक बड़ा कारण

बिना दावे वाली जमा राशि बढऩे का एक कारण यह है कि कई खाते ऐसे लोगों के हैं, जिनका निधन हो चुका है। ऐसे ज्यादातर खातों में नॉमिनी नहीं बनाए जाने के कारण दिवंगत खाताधारकों के परिजनों को दावे के दौरान खासी दिक्कतों से गुजरना पड़ता है। बगैर नॉमिनी वाले खातों की राशि पर दावे के लिए बैंकों के नियम बेहद जटिल हैं। दावा फॉर्म भरने के बाद बार-बार बैंक की ओर से किसी न किसी बिंदु पर आपत्तियां उठाई जाती हैं। बैंक के कई चक्कर काटने के बाद भी मसला हल नहीं होने पर उत्तराधिकारी राशि पर दावा छोड़ देते हैं।