उत्तरकाशी में टनल के अंदर फंसे 41 मजदूरों के लिए चलाया जा रहा रेस्क्यू ऑपरेशन मंगलवार को कुछ देर के लिए थम गया। बचाव अभियान में मदद के लिए घटना स्थल पर ले जाई जा रही कुछ ड्रिलिंग मशीनें पतली सड़कों पर धंस गई, जिन्हें चौड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बीते 10 दिनों से एक निर्माणाधीन टनल में फंसे मजदूरों को बचाने की कवायद चल रही है। लेकिन मंगलवार दोपहर को रेस्क्यू ऑपरेशन कुछ समय के लिए रोकना पड़ा। बचाव अभियान के लिए ले जाई जा रही पाइलिंग मशीन घटनास्थल तक पहुंचने वाली पतली सड़क पर फंस गई, जिसके बाद बचाव अभियान कुछ देर के लिए बाधित हो गया।
न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार पाइलिंग मशीन ले जा रहे ट्रक ड्राइवर ने कहा कि ‘सुरंग तक जाने वाली सड़क संकरी होने और रास्ते में जगह-जगह हो रहे भूस्खलन के कारण बचाव अभियान में हिस्सा लेने जा रही मशीनें फंस गईं और दोनों तरफ यातायात रुक गया.’ फिलहाल सड़क को चौड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि मौके पर मशीनें ले जाया जा सके।
पाइप के जरिए मजदूरों तक पहुंचाया जा रहा भोजन
इसके अलावा सीएम धामी ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा, ‘ सभी एजेंसियां, इंजीनियर, तकनीशियन और विशेषज्ञ इस पर काम कर रहे हैं। उनकी कड़ी मेहनत से अब छह इंच की पाइपलाइन के माध्यम से भोजन भेजा जा रहा है। यह निश्चित रूप से हमारे लिए उत्साहजनक है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि बचाव अभियान जल्द से जल्द समाप्त होगा और हमारे सभी कार्यकर्ता सुरक्षित बाहर आएंगे। प्रधानमंत्री हर दिन विवरण एकत्र कर रहे हैं और हमें हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। मैंने आज प्रधानमंत्री को सारी जानकारी दे दी है...''
12 नवंबर को हुआ था हादसा
गौरतलब है कि 12 नवंबर को उत्तरकाशी जिले के सिल्क्यारा में एक निर्माणाधीन टनल हादसे का शिकार हो गई, जिसमें अंदर 41 मजदूर फंस गए हैं। सामने आई जानकारी के मुताबिक, मजदूर सुरंग के ऐसे हिस्से में फंसे हुए हैं जो कंक्रीट से निर्मित है और वहां बिजली, पानी की भी सुविधा मौजूद है। बीते दस दिनों से टनल के अंदर फंसे मजदूरों को बचाने के लिए कई एजेंसियां काम कर रही हैं। (NHIDCL) की टीमें टनल के द्वार पर ड्रिलिंग का प्रयास जारी रख रही हैं। जबकि रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) आवश्यक सप्लाई के लिए एक और वर्टिकल पाइप लाइन पर काम कर रहा है।