
Mata Amritanandamayi: जाति, धर्म, ऊंच-नीच, अमीर-गरीब से परे माता अमृतानंदमयी देवी हर किसी को स्नेह से गले लगाने वाली 'अम्मा' के नाम से मशहूर हैं। दक्षिण के लोग इन्हें जादू की झप्पी देने वाली चमत्कारी संत के रूप में मानते और पूजते रहे हैं। वे 'हगिंग संत' के नाम से भी लोकप्रिय हैं और सिर्फ भारत ही नहीं उनके भक्त पूरी दुनिया में हैं। खास बात यह कि इनके भक्तों में देश के आम नागरिक से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी शामिल हैं। अब सवाल यह है कि आखिर हर कोई इनसे इतना प्रभावित क्यों है?
एक प्रसिद्ध कहावत है 'नेकी कर दरिया में डाल'। इसका अर्थ है कि अच्छे काम निःस्वार्थ भाव से करने चाहिए। 'अम्मा' इसका जीता जागता उदाहरण हैं। केरल के एक छोटे से गांव में 27 सितंबर 1953 को जन्मी अमृतानंदमयी देवी बचपन से ही नेक दिल की थीं। वह हमेशा दूसरों की मदद करती आईं हैं। सेवा भाव के चलते अमृतानंदमयी ने अपना पूरा जीवन गरीबों, असहायों और लाचारों के नाम कर दिया। शुरू से दूसरों के दुख को अपना बना लेने वाली अम्मा अविवाहित रहीं और उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित किया। उनकी एक बड़ी सीख यह भी थी कि वह हमेशा अपने भक्तों को मधुमक्खी की तरह जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। उनका कहना था कि मधुमक्खी जहां कहीं भी जाती है, वहां पर शहद इकट्ठा करती है। ऐसे ही हमें दूसरों के अच्छे गुण को इकट्ठा करना चाहिए और लोगों के प्रति हमेशा आभार जताने की आदत डालनी चाहिए।
दक्षिण की इस आध्यात्मिक महिला संत के पूरी दुनिया में कई आश्रम हैं जहां पर विभिन्न सेवा कार्य चलते हैं। दक्षिण की जिस अम्मा का मठ पूरी दुनिया में सामाजिक कार्यों के लिए जाना जाता है उसके भक्तों में पीएम मोदी और राहुल गांधी भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद को अम्मा का बड़ा भक्त बता चुके हैं तो वहीं राहुल गांधी ने भी उनसे मिलकर उनका आशीर्वाद लिया था।
साल 2022 में प्रधानमंत्री मोदी ने हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित माता अमृतानंदमयी मठ द्वारा संचालित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का उद्घाटन भी किया था। अमृतानंदमयी मिशन ट्रस्ट आज भी देश-दुनिया में सामाजिक कार्यों के लिए मशहूर है।
Published on:
27 Sept 2024 09:57 am
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