पिछले एक साल में 25 लोगों की कैंसर से मौत-
स्थानीय लोगों के अनुसार सत्तरकटैया में अभी भी कैंसर के दर्जनों मरीज हैं। इनमें कई लोग तो ऐसे हैं जो दिहाड़ी मजदूरी कर पेट पालते हैं। ऐसे में कई कैंसर मरीज जैसे-तैसे अपना इलाज कराते हुए धीरे-धीरे मौत के करीब जा रहे हैं। देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र से जुड़े स्थानीय पत्रकार विवेकानंद ने बताया कि पिछले एक साल में सत्तरकटैया के करीब 25 लोगों की मौत कैंसर से हुई है।
होमी भाभा कैंसर संस्थान की टीम आई और गई-
विवेकानंद ने बताया कि बीते दिनों यहां होमी भाभा कैंसर संस्थान मुंबई के मुजफ्फरपुर ब्रांच से एक टीम पहुंची थी। टीम से जुड़े लोगों ने सर्वे भी किया। फिर उसके बाद होमी भाभा कैंसर संस्थान मुफ्फरपुर से दो डॉक्टर भी आए। दोनों डॉक्टर करीब एक महीने तक यहां रहे। लोगों की जांच की, कुछ का इलाज भी किया। लेकिन उसके बाद न तो लोगों को कोई रिपोर्ट मिली और न ही मौत का सिलसिला थमा।
3-4 साल में 70 से अधिक लोगों की मौत-
पिछले साल फरवरी की शुरुआत मैंने इस गांव की ग्राउंड रिपोर्टिंग की थी। तब लोगों ने बताया कि यहां बीते 3-4 साल में कैंसर के मरीज लगातार मिलते रहे। सत्तरकटैया प्रखंड के सत्तर पंचायत की आबादी करीब 8-10 हजार के आसपास है। यहां बीते तीन साल में कैंसर से 70 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 20 लोग इस समय भी कैंसर पीड़ित है। जिनका इलाज दिल्ली, पटना, मुबंई सहित अन्य शहरों में इलाज करा रहे हैं।
कैंसर का हॉटस्पॉट क्यों बना सत्तरकटैया, कारण पता नहीं-
सत्तरकटैया कैंसर का हॉटस्पॉट क्यों बन रहा है? इसकी जानकारी न तो गांव वालों को है और ना ही स्थानीय अधिकारियों को। स्थानीय अधिकारी जांच और एक्सपर्ट टीम की बात तो करते हैं लेकिन रिपोर्ट के नाम पर कुछ खास नहीं बताते। सत्तरकटैया में माउथ कैंसर के साथ-साथ लीवर कैंसर, ब्लड कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर के कई मरीज मिले।
मार्च 2020 को 60 लोगों की जांच में 35 में मिले कैंसर के लक्षण-
स्थानीय समाजसेवी प्रवीण आनंद ने बताया कि दो मार्च 2020 को इस पंचायत में IGMS पटना से आई डॉक्टरों की टीम ने 60 लोगों की जांच की थी, जिसमें 35 में कैंसर के लक्षण मिले थे। इन 35 लोगों का कुछ दिनों तक इलाज भी चला। लेकिन बाद में सब कुछ ठंडे बस्ते में चला गया। टीम में शामिल आईजीएमएस के डॉ. घनश्याम ने रिपोर्ट में लिखा था कि जागरूकता की कमी से लोग इलाज नहीं कराते।
पंचायत के इन गांवों में स्थिति ज्यादा खराब-
सत्तर पंचायत के सत्तर कटैया, मेनहा, पंचगछिया स्टेशन, सहरबा जैसे गांव में घर-घर में कैंसर मरीज मिल जाएंगे। कई ऐसे लोग भी मिले जिन्होंने दिल्ली-मुंबई से इलाज करवाया। ऑपरेशन के बाद अब स्वस्थ है। पिछले साल गांव की रिपोर्ट सामने आने पर तत्कालीन डीएम ने सिविल सर्जन से सत्तर पंचायत के लोगों को तंबाकू से बने उत्पाद के उपयोग से बचने के लिए जागरूक करने का निर्देश दिया था। साथ ही उन्होंने कैंसर से हुई मौतों की लिस्टिंग कर लोगों को उचित लाभ दिलाने की बात की थी। लेकिन वो घोषणा भी फौड़ी साबित हुई। लोगों ने बताया कि कुछ नहीं मिला।
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सत्तरकटैया में पिछले एक साल से कैंसर से मरने वालों की सूची
मंजुला देवी (30 वर्ष) स्तन कैंसर सत्तर वार्ड नं 15
जगदम्बा देवी (45 वर्ष) स्तन कैंसर सत्तर वार्ड नंबर 5
रिंकू देवी (32 वर्ष) लीवर कैंसर सत्तर वार्ड नंबर 2
मनोज राम (45 वर्ष) कैंसर सत्तर वार्ड नंबर- 17
सूरज साह (45 वर्ष) ब्लड कैंसर सत्तर वार्ड नं-1
चतुर मैन देवी (65 वर्ष) लीवर कैंसर सत्तर वार्ड नंबर 16
बिनो सदा 50 वर्षीय माउथ कैंसर सत्तर वार्ड नंबर 17
मागेंन यादव लीवर कैंसर सत्तर वार्ड नंबर 17
जैमुल खातून सत्तर वार्ड नम्बर 8
धर्मी यादव सत्तर वार्ड नंबर 6
सैनी यादव सत्तर वार्ड नंबर 3
रामनंदन यादव सत्तर वार्ड नंबर 17
पहाड़ी शर्मा 65 वर्षीय गला ट्यूमर कटैया बिजलपुर
मुन्ना साह कटैया बिजलपुर वार्ड नंबर 13
मंजू देवी सहायिका पटोरी
दसरथ सुतिहार पुरीख वार्ड नंबर 1
गांगो सुतिहार पुरीख वार्ड नंबर 9
उदय सिंह बिहरा पैक्स अध्यक्ष लीवर कैंसर
चंदन दास सिहौल (20)
योगेंद्र नारायण यादव, बिशनपुर वार्ड नंबर 2
सुगिया सेवी लीवर कैंसर बिशनपुर वार्ड नंबर 6
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