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चुनाव से पहले वाहवाही लुटने की बोनस की घोषणा साबित हुई खोखली

-चंद रुपए बढ़ाने से नहीं पड़ रहा कोई फर्क-समर्थन मूल्य और बोनस के बाद भी नहीं मिलेगा किसान को कोई लाभ

नीमचMar 06, 2019 / 09:38 pm

Mahendra Upadhyay

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चुनाव से पहले वाहवाही लुटने की बोनस की घोषणा साबित हुई खोखली

नीमच. समर्थन मूल्य में की गई बढ़ोतरी के बाद बोनस की घोषणा के इंतजार में किसान अभी तक खेतों से गेहूं निकालने के बाद भी बेचने के लिए नहीं ला रहे थे। उन्हें उम्मीद थी कि जिस प्रकार समर्थन मूल्य में १०५ रुपए की बढ़ोतरी हुई है। उसी प्रकार बोनस भी पिछली बार से अधिक मिलेगा, लेकिन जैसे ही बोनस की घोषणा हुई। किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया, क्योंकि १६० रुपए क्ंिवटल बोनस देने के बावजूद भी किसान के हाथ में उतनी ही राशि पहुंचेगी, जितनी उन्हें पिछले साल गेहूं बेचने पर मिली थी।
बतादें की पिछले साल गेहूं का समर्थन मूल्य १७३५ रुपए प्रति क्ंिवटल था, जिसके बाद प्रदेश सरकार द्वारा २६५ रुपए प्रति क्ंिवटल के मान से बोनस भी दिया था, ऐसे में किसान को कुल २००० रुपए प्रति क्ंिवटल में बिका था। इस बार सरकार ने समर्थन मूल्य के दाम बढ़कार १७३५ से १८४० रुपए प्रति क्ंिवटल कर दिया, ऐसे में किसान को लगा था कि १०५ रुपए की बढ़ोतरी मूल्य हो गई। तो निश्चित ही बोनस भी पिछले बार से अधिक मिलेगा। लेकिन जैसे ही १६० रुपए प्रति क्ंिवटल बोनस की घोषणा हुई, किसानों की उम्मीद पर पानी फिर गया, क्योंकि १८४० में १६० रुपए क्ंिवटल बोनस जोडऩे के बाद भी कुल २००० रुपए क्ंिवटल ही हुआ। ऐसे में किसान को वही दाम मिलेंगे, जो उन्हें पिछले साल मिले थे। जिससे साफ पता चल रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले हुई बोनस की घोषणा भी खोखली निकली।
मंडी में नहीं आ रहा उत्पादन के मान से गेहूं
इस बार गेहूं का रकबा पिछले साल की अपेक्षा अधिक होने के बावजूद भी मंडी में गेहूं की आवक काफी कम हो रही है। जहां रबी सीजन की अन्य फसलें आने पर अन्य मंडी खचाखच भरी नजर आती है। वहीं गेहूं मंडी में आवक सामान्य ही नजर आ रही है। बुधवार को भी डेढ़ से दो हजार बोरी की आवक हुई। चूकि अब बोनस की घोषणा भी हो गई है। इस मान से निश्चित ही अब मंडी में गेहूं की आवक बढ़ेगी।
समर्थन मूल्य से तेज बिक रहे दाम
कृषि उपज मंडी में आ रहा गेहूं वर्तमान में समर्थन मूल्य और बोनस से अधिक बिक रहा है। बुधवार को गेहूं किस्म अनुसार ऊंचे में २१५० रुपए क्ंिवटल तक बिका, जबकि इस समय आ रहा गेहूं औसत किस्म का है, जिस प्रकार का गेहूं समर्थन मूल्य पर लिया जाएगा, वह निश्चित ही बाजार में २१०० रुपए क्ंिवटल से अधिक बिकेगा। इस कारण निश्चित ही समर्थन मूल्य की अपेक्षा मंडी में गेहूं बेचने में किसानों की अधिक रूचि रहेगी।
१४ मार्च तक करा सकेंगे किसान गेहूं का पंजीयन
समर्थन मूल्य पर गेहूं का पंजीयन कराने की तिथि बढ़ चुकी है। अब किसान चना, सरसों, मसूर और गेहूं चारों उपज के लिए पंजीयन १४ मार्च तक करा सकते हैं। बुधवार सुबह तक करीब २२ हजार किसानों ने गेहूं का पंजीयन करा लिया था। गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी २५ मार्च से प्रारंभ होकर २४ मई तक चलेगी।
वर्जन.
बोनस के संबंध में फिलहाल कोई लिखित में आदेश नहीं आया है। अभी तक करीब २२ हजार किसानों ने पंजीयन करा लिया है। जो छूट गए हैं वें १४ मार्च तक पंजीयन करा सकते हैं। क्योंकि १४ मार्च तक पंजीयन होंगे।
-आरसी जांगड़े, जिला आपूर्ति अधिकारी, नीमच
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