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क्या है जियो टैगिंग
आपको बता दें कि एनडीएमसी क्षेत्र में लगे हर पेड़ की जियो टैगिंग की जाएगी। जियो टैगिंग का मतलब है कि हर पेड़ को एक नंबर और बारकोड़ दिया जाएगा। आप जियो टैगिंग के साथ मोबाइल पर मैप के जरिए इन पेड़ों को देख सकते हैं। यदि आप एनडीएमसी क्षेत्र के किसी भी पेड़ के सामने खड़े होकर मैप खोलते हैं तो मैप आपको यह बताएगा कि इस वक्त आप किस पेड़ के नीचे खड़े हैं। साथ ही यह कौन सा पेड़ है। आप एक क्लिक करके यह भी पता कर सकते हैं कि उस पेड़ का नाम क्या है और उसकी उम्र कितनी है।
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एनडीएमसी कर्मचारियों को फिलहाल मिलेगी यह सुविधा
आपको बता दें कि फिलहाल यह सुविधा केवल एनडीएमसी के कर्मचारियों और अधिकारियों को ही दी जाएगी। जब यह प्रॉजेक्ट पूरी तरह से सफल हो जाएगा तो एनडीएमसी के ऐप 311 में अपडेट कर दिया जाएगा। इसके बाद पब्लिक भी इसकी पूरी जानकारी ले सकती है। इस नई तकनीक के बारे में नडीएमसी के हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. एस चिल्लैया बताते हैं कि पेड़ों की जियो टैगिंग को लेकर कई कंपनियों से बात की जा रही है। उन्होंने बताया कि राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए अधिक से अधिक पे़ड लगाए जा रहे हैं और उनकी जियो टैगिंग की जा रही है। चिल्लैया ने बताया कि एनडीएमसी में अधिकतर पेड़ अब बूढ़े हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि जियो टैगिंग से यह फायदा होगा कि पेड़ की सही जानकारी मिल पाएगी, जैसी की उसकी उम्र क्या है, कितनी ऑक्सीजन दे रहा है, पर्यावरण को कोई नुकसान तो नहीं पहुंचा रहा है आदि। इसके अलावे यह भी जानकारी मिल पाएगी की पेड़ की ऊंचाई और चौड़ाई कितनी है।