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ऐसा कैसे हो सकता है…दिल्ली के इंडस्ट्रियल एरिया की समस्याओं पर हाईकोर्ट हैरान

Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने कड़े शब्दों में पूछा कि आखिर कैसे एक बड़े औद्योगिक इलाके में पीने का पानी, सीवर और बारिश का पानी निकालने की नालियां तक नहीं हैं?

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Delhi High Court surprised by problems in Mundka Industrial Area

मुंडका इंडस्ट्रियल एरिया में अव्यवस्‍थाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट नाराज।

Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने मुंडका इंडस्ट्रियल एरिया की दयनीय स्थिति पर गंभीर चिंता जताई। कोर्ट को बताया गया कि इस इलाके में न पीने का पानी उपलब्ध है, न सीवर लाइन, न ही स्टॉर्म वॉटर ड्रेन, और न ही कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (CETP) मौजूद है। यानी हजारों मजदूर और फैक्ट्रियां बिना बुनियादी सुविधाओं के काम कर रहे हैं। न्यायमूर्ति प्रभा सिंह और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच ने इस मुद्दे पर कई याचिकाओं पर सुनवाई की। इनमें यमुना नदी की सफाई, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) और CETP से जुड़े मामले शामिल हैं।

कैसे हो सकता है कि बुनियादी सुविधाएं भी नहीं?

लाइव लॉ के अनुसार, कोर्ट ने कड़े शब्दों में पूछा कि आखिर कैसे एक बड़े औद्योगिक इलाके में पीने का पानी, सीवर और बारिश का पानी निकालने की नालियां तक नहीं हैं? कोर्ट को बताया गया कि मुंडका में पीने का पानी टैंकरों से मंगाया जाता है और गंदे पानी को हटाने के लिए निजी पंपों का इस्तेमाल किया जाता है। जजों ने टिप्पणी की कि यही वजह है कि कई जगहों पर लोग गंदा पानी बाहर फेंक देते हैं या जला देते हैं, जिससे प्रदूषण फैलता है। सुनवाई के दौरान यह भी बताया गया कि इलाके में ग्राउंड वॉटर का TDS इतना ज्यादा है कि पीना तो दूर, कपड़े धोने में भी उसका उपयोग बिल्कुल नहीं किया जा सकता।

DSIIDC की रिपोर्ट और सर्वे की स्थिति

कोर्ट को पहले बताया गया था कि दिल्ली के 27 नॉन-कनफॉर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया में से 24 क्षेत्रों की एसोसिएशन दिल्ली मैन्युफैक्चरर्स फेडरेशन से जुड़ी हुई हैं। यह सभी DSIIDC के जरिए पुनर्विकास प्रक्रिया का हिस्सा हैं। शुक्रवार को बताया गया कि तीन एसोसिएशनों में से शाहदरा इंडस्ट्रियल एरिया का सर्वे पूरा हो चुका है, जबकि मुंडका स्वरन पार्क में सर्वे जारी है। मुंडका फिरनी इंडस्ट्रियल एरिया में दो एसोसिएशनों के बीच विवाद चल रहा है, जिस पर कोर्ट ने तुरंत MoU साइन करने का निर्देश दिया।

19 दिसंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई

कोर्ट को यह भी बताया गया कि आनंद पर्वत इंडस्ट्रियल एरिया में संयुक्त सर्वे की जरूरत है। इसपर कोर्ट ने SDM और उद्योग विभाग के अधिकारियों को तुरंत प्रतिनिधि भेजने के निर्देश दिए। कोर्ट को बताया गया कि MCD को सर्वे प्लान प्रोसेस करने के लिए फंड्स DSIIDC ही देगा। कोर्ट ने आदेश दिया कि सभी प्राइवेट एजेंसियां 20 दिसंबर तक सर्वे प्लान MCD में जमा करें और भुगतान में कोई देरी न हो। यह पूरा मामला दिल्ली में जलभराव पर 2022 के एक समाचार लेख के आधार पर स्वतः संज्ञान लेकर शुरू हुआ था। अब यह मामला 19 दिसंबर को फिर सुना जाएगा।


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