नई दिल्ली

Innovation: कॉफी, दूध से खोया समेत 100 फूड प्रोडक्ट बनाने वाली मशीन हरियाणा के धर्मबीर कंबोज ने की है विकसित, NCERT बुक में पढ़ाया जाता है बिजनेस मॉडल

हरियाणा के यमुनानगर जिले के दामला गांव के रहने वाले धर्मबीर कंबोज ने मल्टी फूड प्रोसेसिंग मशीन तैयार की है। जिससे 100 से ज्यादा खाने के प्रोडक्ट तैयार किए जा सकते हैं। इसमें टमाटर की चटनी, आंवले का लड्डू, कॉफी, दूध से खोया और भी बहुत कुछ तैयार किया जा सकता है। एक घंटे में 200 किलो के हर्बल प्रोडक्ट और फलों को प्रोसेस करने की मशीन की क्षमता है। धर्मबीर ने इस मशीन की इनोवेशन करते हुए अब खुद की स्टार्टअप कंपनी भी शुरू कर दी है। उनकी मशीन को कई राज्यों में लोग खरीद रहे हैं।

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Nov 22, 2022
हरियाणा के यमुनानगर जिले के दामला गांव के रहने वाले धर्मबीर कंबोज ने मल्टी फूड प्रोसेसिंग मशीन विकसित की है। नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित पीपल्ड फेस्टिवल ऑफ इनोवेशन में धर्मबीर द्वारा अपनी इनोवेशन को प्रदर्शित किया गया। इस मशीन से 100 से ज्यादा खाने के प्रोडक्ट तैयार किए जा सकते हैं।

धर्मबीर कंबोज ने नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित पीपल्स फेस्टिवल ऑफ इनोवेशन में अपनी इनोवेशन को प्रदर्शित किया है। धर्मबीर बताते हैं कि उन्होंने इस मशीन को वर्ष 2007 में विकसित किया था। उन्हें उस दौरान हरियाणा के जिला हॉर्टिकल्चर विभाग की तरफ से अजमेर लेकर गए थे। जहां उन्होंने गुलाब जल बनाने की तकनीक और आंवले के लड्डू बनाने की तकनीक को देखा। तब उन्होंने वापस लौटकर आंवले से लड्डू बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन उससे महिलाओं व अन्य कार्य करने वालों की उंगलियां सूज गई थी। इसके बाद उन्होंने 2007 में मशीन को डेवलप किया। बाद में उन्होंने इस मशीन का पेटेंट भी कराया। धर्मबीर ने बताया है कि यह मशीन 60 हजार रुपए से 1,07,000 रुपए तक उपलब्ध है। कई लोगों ने इसे खरीदा है। धर्मबीर ने बताया कि दिल्ली में आयोजित पीपल्स फेस्टिवल ऑफ इनोवेशन में कॉलेज के एक छात्र के साथ मिलकर खजूर के बीज से कॉफी और खजूर के छिलकों से मिल्क शेख इस मशीन के जरिए तैयार किया गया। लोगों को इसका टेस्ट भी खूब पसंद आया और लोगों ने इन प्रोडक्ट को मशीन के उपयोग से बनते हुए भी देखा।

कई प्रतिष्ठित अवार्ड से सम्मानित को हो चुके हैं धर्मबीर

धर्मबीर कंबोज को उनकी इनोवेशन के लिए कई पुरस्कार से भी नवाजा जा चुके है। उन्हें नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन के तहत वर्ष 2009 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से नेशनल स्टेट अवार्ड के साथ 25 हजार रुपए की राशि मिली थी। साथ ही धर्मबीर को उनकी इनोवेशन के लिए वर्ष 2013 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम से मुलाकात करते हुए धर्मबीर ने अपनी इनोवेशन के बारे में उन्हें जानकारी भी दी थी। साथ ही वह कई तरह के अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों व राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भी अपनी इनोवेशन को प्रदर्शित करते हुए लोगों को अपने प्रोडक्ट की विशेषता बताते हैं। साथ ही उनके जीवन से लोगों को प्रेरणा भी मिलती है।

धर्मबीर के बिजनेस मॉडल को एनसीईआरटी की किताब में पढ़ते हैं 12वीं के छात्र

धर्मबीर की कहानी बेहद प्रेरणादायक है। वह स्कूल ड्रॉपआउट हैं और बिना किसी टेक्निकल बैकग्राउंड के अपनी इच्छाशक्ति से उन्होंने एक लंबा सफर तय किया है। धर्मबीर की इनोवेशन के बारे में 12वीं कक्षा की एनसीईआरटी (NCERT) की बिजनेस स्टडीज की किताब में चैप्टर 3 बिजनेस एनवायरमेंट में पढ़ाया भी जा रहा है। उनके बिजनेस मॉडल के बारे में छात्र पढ़ रहे हैं। इस चैप्टर में उनकी विस्तृत कहानी का उल्लेख भी किया गया है कि कितने संघर्षपूर्ण जीवन के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपना सफर जारी रखते हुए एक अच्छी व बेहतरीन इनोवेशन करते हुए प्रोडक्ट को विकसित किया। धर्मबीर ने बताया है कि वह दिल्ली में वर्ष 1987 व 88 के दौरान रिक्शा चलाया करते थे। तब वह अपनी कमाए हुए रुपयों को एक तरह से कपड़े की पोटली में रखा करते थे। यह चोरी हो गई थी। वहीं, काफी दिन दिल्ली में बिताने के बाद वह वापस अपने गांव आ गए और फिर उन्होंने अपने आइडियाज को मूरत रूप देना शुरू कर दिया।

नेचुरल परफ्यूम, साबुन भी मशीन से बन जाएगा

धर्मबीर ने बताया है कि इस मशीन के उपयोग से कई तरह के खाने के प्रोडक्ट तैयार करने के साथ ही इसमें और भी बहुत कुछ बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कई तरह के हर्बल प्रोडक्ट, गुलाब जल, नेचुरल परफ्यूम, साबुन भी इस मशीन से तैयार किए जाते हैं। कई साबुन व हर्बल प्रोडक्ट धर्मबीर ने खुद इस मशीन के जरिए बनाए हैं। उन्होंने इन प्रोडक्ट को पीपल्स फेस्टिवल ऑफ इनोवेशन में प्रदर्शित भी किया है। जिसे लोगों ने खूब दिलचस्पी के साथ देखा है और उनसे इस मशीन के बारे में कई तरह की टिप्स भी ले रहे हैं। उन्होंने बताया है कि गांवों व अन्य जगहों पर इस मशीन के इस्तेमाल से कई खाने के प्रोडक्ट और हर्बल प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग भी लोग करते हुए एक बिजनेस खड़ा कर सकते हैं।

Published on:
22 Nov 2022 07:25 pm
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