- सुप्रीम कोर्ट ने असर के बारे में पूछा तो दिल्ली सरकार को पीछे खींचने पड़े कदम, अब जैसा होगा आदेश, उसके अनुरूप किया जाएगा लागू
नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर ऑड-इवन प्रणाली से वाहन चलाने के बारे में अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप फैसला किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने इससे पहले दीपावली के बाद यानी 13 नवम्बर से वाहनों का संचालन ऑड-इवन प्रणाली से करने की घोषणा की थीने दिल्ली में प्रदूषण के मामले में सुनवाई के दौरान इस पर सवाल उठाते हुए इसके प्रभाव के बारे में स्टडी का जिक्र किया था। इसके मद्देनजर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार दो अध्ययन रिपोर्ट सर्वोच्च अदालत के समक्ष प्रस्तुत करेगी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट जो आदेश देगा, उसी के मुताबिक दिल्ली सरकार निर्णय लेगी।
वायु प्रदूषण पर अंकुश के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का सख्ती से पालन कराने को लेकर बुधवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ऑड-इवन को लेकर सरकार के पास दो अध्ययन रिपोर्ट हैं। पहला अध्ययन हावर्ड व शिकागों विश्वविद्यालय की संयुक्त स्टडी है और दूसरा अध्ययन दिल्ली टेक्निकल विश्वविद्यालय का है। ये दोनों रिपोर्ट अगली सुनवाई पर सर्वाेच्च न्यायलय के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट जो फैसला देगा, उसके अनुसार ऑड-इवन प्रणाली लागू करने के बारे में कदम उठाए जाएंगे।
शुरू होगा स्मॉग टावर
उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण मंडल (डीपीसीसी) को गुरुवार तक कनॉट प्लेस स्थित स्मॉग टावर को पूरी क्षमता के साथ शुरू करने और रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी दुबारा प्रारम्भ कर उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश और कैबिनेट के निर्णय से कनॉट प्लेस में स्मॉग टावर लगाया था। उसे डीपीसीसी के चेयरमैन ने अवैध तरीके से बंद कर दिया। अब इसे दुबारा चालू करवाया जा रहा है।
एंटी ओपन बर्निंग अभियान
उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार गुरुवार से स्पेशल एंटी ओपन बर्निंग अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए एमसीडी, डीपीसीसी व राजस्व विभाग समेत अन्य संबंधित विभागों की 611 टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें दिल्ली में ओपन बर्निंग की घटनाओं की निगरानी और उसे रोकने का काम करेंगी।