उन्नाव केस में सुनवाई से लेकर कश्मीर में फोर्स की तैनाती तक इन खबरों पर रहेगी नजर
इस याचिका में अधिवक्ता ने इस ( Triple Talaq bill ) अधिनियम की धारा 3 और 4 को रद्द करने की मांग उठाई है। आपको बता दें कि लोकसभा और राज्यसभा से पास इस बिल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अपनी स्वीकृति दे दी है।
रणदीप सुरजेवाला: CJI ने उन्नाव रेप मामले पर लिया संज्ञान, अब होगा न्याय
इन ( Triple Talaq bill ) धाराओं के तहत मुस्लिम पति द्वारा अपनी पत्नी को तीन तलाक कहना अपराध है, जिसके लिए तीन साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है।
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक ( Triple Talaq bill ) को पहले ही ‘असंवैधानिक’ घोषित किया था। हालांकि, बाद में केंद्र ने न केवल तीन तलाक को ‘निरस्त और अवैध’ घोषित किया, बल्कि इसे दंडनीय अपराध के अंतर्गत भी रखा है।
NMC के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डॉक्टर्स, बिन इलाज मरीज लाचार
लेकिन इस अधिनियम ( Triple Talaq bill ) में पति और पत्नी के बीच सुलह कराने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। याचिका में यह भी कहा गया है कि वर्तमान अधिनियम मुसलमानों के साथ भेदभाव करने वाला है। इस याचिका पर हाईकोर्ट आगामी सप्ताह में सुनवाई कर सकती है।