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दल-बदल से परेशान, अबकी बार दी ‘पक्की’ सरकार

-बिहार चुनाव 2025: मतदाताओं का संदेश स्पष्ट

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Bihar Elections Counting Day 2025

Bihar Elections Counting Day 2025

शादाब अहमद

नई दिल्ली। बिहार की जनता ने इस बार के विधानसभा चुनाव में जिस तरह निर्णायक जनादेश दिया है, वह पिछले कई सालों के राजनीतिक अस्थिरता और लगातार होने वाले दल-बदल के खिलाफ एक सीधी प्रतिक्रिया भी है। पिछले कार्यकाल में सत्ता की साझेदारियों में लगातार उतार-चढ़ाव, नेताओं के पल-पल बदलते रुख और टूट-फूट की राजनीति ने मतदाता को थका दिया था। नतीजा—लोगों ने इस चुनाव में ‘पक्की’, स्थिर और पांच साल तक चलने वाली सरकार के लिए वोट किया।

दरअसल, दिवाली के बाद जब मैं बिहार चुनाव को कवर करने के लिए पटना समेत कई शहरों और गांवों में घूमा। अधिकांश लोगों के मुंह पर महिलाओं के खाते में दस हजार रुपए जाने के साथ बिजली के बिल कम करने समेत ढेरों योजनाएं गिनाई जाती थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या सरकार सेे नाराजगी भी नहीं जताते थे, लेकिन दल-बदल की शिकायत जरूर करते हुए कहते थे कि इसका इलाज करना जरूरी है। अब जिस तरह के नतीजे आए हैं, उसने साबित कर दिया है कि जनता ने जो चाहा वो कर दिखाया है। अब चाह कर भी नीतीश कुमार या अन्य कोई दल पाला बदलने की सोच नहीं सकता है।

चल गया बड़ा आदमी बनाने की बात

तारापुर में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी चुनाव मैदान में थे। जहां गृह मंत्री अमित शाह ने जनता से चौधरी को बड़ा आदमी बनाने का वादा किया था। जनता के बीच यह मुद्दा बना और चौधरी ने यहां से बड़ी जीत हासिल की है।

नालंदा में नीतीश के नाम की फिर बोली ‘तूती’

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में रेकॉर्ड विकास कार्य हुए हैं। यही वजह है कि यहां की सातों सीट एनडीए के खाते में गई है। इनमें से छह सीट जेडीयू ने बड़े अंतर से जीती है। जबकि एक सीट भाजपा ने जीती है।