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Education: सात साल बाद बेंगलूरू से गल्र्स कॉलेज का मूल्यांकन करने पहुंचेगी नैक टीम

प्रबंधन की तैयारी पूरी, पिछले बार से बेहतर ग्रेड की उम्मीद

छिंदवाड़ाJun 09, 2024 / 12:11 pm

ashish mishra

छिंदवाड़ा. राजमाता सिंधिया गल्र्स कॉलेज में सात साल बाद राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद(नैक) की टीम 11 जून को मूल्यांकन करने पहुंचेगी। तीन सदस्यीय टीम बेंगलूरू से 10 जून को छिंदवाड़ा पहुंच जाएगी। इसके बाद 11 एवं 12 जून को सुबह 9 से शाम 6 बजे तक गल्र्स कॉलेज में हर बिन्दु पर बारिकी से निरीक्षण करेगी। वह लाइब्रेरी में उपलब्ध सुविधाएं देखेगी। छात्राओं और प्राध्यापकों से भी बातचीत करेगी। हर एक विभाग, छात्रावास सहित कॉलेज में हर सुविधाओं को देखेगी। इसके बाद रिपोर्ट तैयार कर नैक कार्यालय बैंगलुरू को सबमिट कर देगी। रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज की ग्रेड तय होगी। हालांकि कॉलेज में कई ऐसी कमियां हैं जिस पर नैक टीम सीधे सवाल उठाएगी। वर्तमान सत्र में 10 हजार से अधिक छात्राएं अध्ययनरत हैं जबकि संसाधन काफी कम है। प्रर्याप्त कक्षाएं नहीं है। 35 कमरे में कक्षाएं संचालित हो रही हैं। वर्तमान में मथुरा प्रसाद स्कूल की खाली पड़ी जमीन पर लगभग छह करोड़ की लागत से भवन प्रस्तावित है, भवन का कुछ काम हो चुका है, जबकि कुछ शेष है। इसके अलावा कॉलेज के पास छात्राओं की संख्या के हिसाब से लाइब्रेरी, लैब सुविधा भी प्रर्याप्त नहीं है। कॉलेज का खुद का खेल ग्राउंड भी नहीं है। इसके अलावा कई विभाग ऐसे हैं जहां प्राध्यापकों की काफी कमी है। कॉलेज अतिथि विद्वान एवं जनभागीदारी शिक्षकों के भरोसे चल रहा है। हर माह प्राध्यापक सेवानिवृत्त हो रहे हैं। हालांकि इन कमियों के बीच गल्र्स कॉलेज प्रबंधन अच्छी तैयारी की बात कह रहा है। उन्हें उम्मीद है कि पिछले बार से बेहतर ग्रेड मिलेगा।
भोपाल से गठित टीम कर चुकी प्री-विजिट
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा गठित चार सदस्यीय टीम ने बीते 5 जून को गल्र्स कॉलेज में प्री-विजिट किया था। कॉलेज प्रबंधन की तैयारी को देखा था और आवश्यक सुझाव दिए थे। उन्होंने कहा कि था आपने जो तैयारी की है, उसे व्यवस्थित कर लिजिए।
वर्ष 2015-16 में हुआ था नैक मूल्यांकन
राजमाता सिंधिया गल्र्स कॉलेज में पिछली बार वर्ष 2015-16 में नैक मूल्यांकन टीम निरीक्षण करने आई थी। उस समय भी टीम ने कई बिन्दु पर सवाल उठाए थे। टीम ने कॉलेज को बी डबल प्लस ग्रेड दिया था। नियम के अनुसार हर पांच साल में नैक मूल्यांकन कराना चाहिए।
सभी कॉलेजों को मूल्यांकन करना अनिवार्य
यूजीसी गाइडलाइन अनुसार कॉलेजों को हर पांच साल में नैक टीम को निरीक्षण कराने के लिए सेल्फ स्टडी रिपोर्ट भेजना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। शासकीय हो या निजी सभी कॉलेजों को नेशनल एक्रिडिएशन काउंसिल (नैक) से मूल्यांकन कराना चाहिए। रूसा एवं यूजीसी ने भी अब यह निर्धारित कर रखा है कि कॉलेजों को अनुदान तभी मिलेगा जब वह नियम अनुसार नैक से मूल्यांकन कराएगा। लगातार मूल्यांकन नहीं कराने पर संबंधित संस्थान की मान्यता भी प्रभावित हो सकती है। इसलिए सभी कॉलेजों के लिए नैक मूल्यांकन करना अनिवार्य किया गया है।
अच्छे ग्रेड पर अच्छा अनुदान
नैक टीम के मूल्यांकन के आधार पर ही उच्च शिक्षा विभाग, रूसा, यूजीसी कॉलेजों को सुविधाओं के विस्तार के लिए अनुदान देती है। इसके अलावा मूल्यांकन कराने से कॉलेज की रिपोर्ट भी अच्छी रहती है।
इनका कहना है…
पिछली बार ‘बी’ डबल प्लस ग्रेड मिला था। इस बार हमने बेहतर तैयारी की है। उम्मीद है कि पिछले बार से अच्छा ग्रेड मिलेगा। टीम 11 एवं 12 जून को कॉलेज का निरीक्षण करेगी।
संजय मुंजे, आईक्यूएसी, समन्वयक, गल्र्स कॉलेज

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