उच्च शिक्षा विभाग द्वारा गठित चार सदस्यीय टीम ने बीते 5 जून को गल्र्स कॉलेज में प्री-विजिट किया था। कॉलेज प्रबंधन की तैयारी को देखा था और आवश्यक सुझाव दिए थे। उन्होंने कहा कि था आपने जो तैयारी की है, उसे व्यवस्थित कर लिजिए।
राजमाता सिंधिया गल्र्स कॉलेज में पिछली बार वर्ष 2015-16 में नैक मूल्यांकन टीम निरीक्षण करने आई थी। उस समय भी टीम ने कई बिन्दु पर सवाल उठाए थे। टीम ने कॉलेज को बी डबल प्लस ग्रेड दिया था। नियम के अनुसार हर पांच साल में नैक मूल्यांकन कराना चाहिए।
यूजीसी गाइडलाइन अनुसार कॉलेजों को हर पांच साल में नैक टीम को निरीक्षण कराने के लिए सेल्फ स्टडी रिपोर्ट भेजना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। शासकीय हो या निजी सभी कॉलेजों को नेशनल एक्रिडिएशन काउंसिल (नैक) से मूल्यांकन कराना चाहिए। रूसा एवं यूजीसी ने भी अब यह निर्धारित कर रखा है कि कॉलेजों को अनुदान तभी मिलेगा जब वह नियम अनुसार नैक से मूल्यांकन कराएगा। लगातार मूल्यांकन नहीं कराने पर संबंधित संस्थान की मान्यता भी प्रभावित हो सकती है। इसलिए सभी कॉलेजों के लिए नैक मूल्यांकन करना अनिवार्य किया गया है।
नैक टीम के मूल्यांकन के आधार पर ही उच्च शिक्षा विभाग, रूसा, यूजीसी कॉलेजों को सुविधाओं के विस्तार के लिए अनुदान देती है। इसके अलावा मूल्यांकन कराने से कॉलेज की रिपोर्ट भी अच्छी रहती है।
पिछली बार ‘बी’ डबल प्लस ग्रेड मिला था। इस बार हमने बेहतर तैयारी की है। उम्मीद है कि पिछले बार से अच्छा ग्रेड मिलेगा। टीम 11 एवं 12 जून को कॉलेज का निरीक्षण करेगी।
संजय मुंजे, आईक्यूएसी, समन्वयक, गल्र्स कॉलेज