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एलईडी बल्ब, मोबाइल व टीवी बढ़ा रहे भूलने की बीमारी

कुछ साल पहले तक 80 साल से ऊपर के लोगों को भूलने की बीमारी डेमेन्शिया जकड़ लेती थी लेकिन अब इसकी उम्र घट गई है। 50 साल से ऊपर के लोग भूलने की बीमारी से ग्रसित होकर महात्मा गांधी अस्पताल पहुंच रहे हैं। हर साल इनका आंकड़ा बढ़ रहा है। चिकित्सक हैरान और मरीज के परिजन परेशान हैं। डॉक्टर दवा से उन्हें आराम पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। परिजनों को बराबर इनका ध्यान रखना पड़ रहा है

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bhilwara

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भीलवाड़ा. कुछ साल पहले तक 80 साल से ऊपर के लोगों को भूलने की बीमारी डेमेन्शिया जकड़ लेती थी लेकिन अब इसकी उम्र घट गई है। 50 साल से ऊपर के लोग भूलने की बीमारी से ग्रसित होकर महात्मा गांधी अस्पताल पहुंच रहे हैं। हर साल इनका आंकड़ा बढ़ रहा है। चिकित्सक हैरान और मरीज के परिजन परेशान हैं। डॉक्टर दवा से उन्हें आराम पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। परिजनों को बराबर इनका ध्यान रखना पड़ रहा है। एमजीएच के मनोरोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. वीरभान चंचलानी ने बताया कि कई ऐसे मरीज अस्पताल आ रहे हैं, जो अच्छी तरह से खाना खाने के कुछ समय बाद फिर खाना मांग लेते हैं। उन्हें यह भी याद नहीं रहता कि उन्होंने खाना खाया है। कई मरीज नहाने के बाद भी फिर नहाने चले जाते हैं। कई मरीज ऐसे हैं जो अपनी दिनचर्या में शामिल गतिविधियों को कई बार दोहराते हैं, क्योंकि उन्हें याद नहीं रहता कि वह यह काम कर चुके हैं। चिकित्सक ये मानते वजह चंंचलानी ने बताया कि सब्जियों व फलों में पेस्टीसाइड के ज्यादा प्रयोग, एलईडी बल्ब, टीवी, मोबाइल, सभी प्रकार के नशे की प्रवृति इस रोग को बढ़ाने में मददगार है। विटामिन बी 1, बी6, बी 12 व विटामिन ई की कमी भी कारण बनती है। बे्रन टयूमर, शराब, एमडी ड्रग्स का प्रयोग, गुटखा व तम्बाकू का सेवन और मोबाइल रेडियेशन और अनियंत्रित डायबिटीज भी इसके कारण बनते है। यह है स्थिति डेमेन्शिया रोग से पीडि़त होकर आने वाले लोगों की संख्या में हर साल इजाफा हो रहा है। आंकड़ों की माने तो एमजीएच में वर्ष 2023 में 48 और 2024 के छह माह में 82 मरीज परामर्श के लिए पहुंचे। इनमें 55 पुरूष व 27 महिलाएं शामिल है। इनका कहना है... 60 साल से ऊपर के लोग डेमेन्शिया से ग्रसित होकर महात्मा गांधी अस्पताल पहुंच रहे हैं। हर साल इनका आंकड़ा बढ़ रहा है। इसके लिए लोग खानपीने में सावधानी बरतने और रोग से ग्रसित होने पर तत्काल मनोरोग विभाग में दिखाएं। यहां सारी दवाएं भी उपलब्ध है। - डॉ. अरुण गौड़, अधीक्षक, एमजीएच

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पांच सौ से ज्यादा पर शोध, उम्र का बारीकी से अध्ययनचिकित्सकों के मुताबिक भीलवाड़ा में एमजीएच और निजी अस्पताल में पांच सौ से अधिक मरीजों पर डेमेन्शिया बीमारी को लेकर शोध हुआ। इनमें उम्र को लेकर बारीकी से चिकित्सकों ने अनुसंधान किया। अनुसंधान में पाया कि यह बीमारी अब 50 साल के आसपास वालों को भी होने लगी है। ऐसे में यह मामला गंभीर होता जा रहा है।