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सूरज ने फसलों को झुलसाया, खड़े वाहनों में लग ही आग

Sun scorches crops, parked vehicles catch fire

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टीकमगढ़। खेतों में झुलसी टमाटर की फसल।

टीकमगढ़। खेतों में झुलसी टमाटर की फसल।

गर्मी का कहर: एक पखवाड़ा की तपन ने रसातल में पहुंचा पानी

टीकमगढ़/ओरछा. इस बार पड़ी बेतहाशा गर्मी ने पुराने सारे रिकार्ड तोड़ दिए है। जिले में इसका असर पाताल से लेकर भूतल तक पर दिखाई दे रहा है। आलम यह है कि जहां लोगों के पुराने 500 फीट गहरे जलस्रोतों ने जवाब दे दिया है तो सब्जी की फसलों को सूरज की तपन ने जला दिया है। इस गर्मी को अब वाहन भी सहन नहीं कर पा रहे है और खड़े वाहनों में आग भभक रही है।
पिछले एक पखवाड़े से जिले के लोगों को गर्मी ने बेहाल कर दिया है। इस गर्मी से आमजन के साथ ही किसान भी परेशान हो उठा है। आलम यह है कि लगातार पड़ रही तेज गर्मी से किसानों की फसलों को झुलसा रोग लग गया है। अधिकांश किसानों के यहां पानी की कमी होने से खेतों में लगी सब्जी की फसलें खराब हो गई है। इन फसलों को देखकर ही लग रहा है कि जैसे किसी ने आग लगा दी है। अनंतपुरा निवासी कृषक विष्णु शर्मा ने बताया कि लगातार पड़ी गर्मी से उनके खेत के सभी बोर सूख गए है। उनके खेत में 500 फीट गहरे बोर ने भी इस बार जवाब दे दिया है। ऐसे में तीन एकड़ में नेट में लगाई गई उनकी सब्जी की पूरी फसल खराब हो गई है। उन्होंने बताया कि टमाटर के पेड़ तो ऐेसे लग रहा है कि किसी ने आग लगा दी है। वहीं गिलकी, भिंडी, ककड़ी की फसल भी जमीन में ही सिमट गई है।
500 हैक्टेयर में हुआ नुकसान
जिले में तेज गर्मी के चलते लगभग 500 हैक्टेयर में सब्जी की फसल को नुकसान बताया जा रहा है। यह नुकसान उन किसानों के यहां बताया जा रहा है, जिनके पास पानी के पर्याप्त स्रोत नहीं थे। टीकमगढ़ विकासखंड के साथ ही निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर विकासखंड में सब्जी की फसलों को सबसे अधिक नुकसान बताया जा रहा है। टीकमगढ़ जिले के सुनवाहा निवासी अरविंद रिछारिया का कहना है कि उन्होंने बड़ोराघाट में पांच एकड़ में ककड़ी, लौकी, गिलकी, बरबटी एवं धनिया की फसल लगाई थी। अभी ककड़ी आनी शुरू ही हुई थी कि गर्मी ने पूरी फसल खराब कर दी है। वहीं नींबू के फल भी सूख कर गिरने लगे है।
एक मीटर गिरा जलस्तर
एक पखवाड़े से पड़ रही भीषण गर्मी के कारण भूमिगत जलस्तर में भी गिरावट देखी गई है। पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्री पी लगरखा का कहना है कि इस गर्मी से एक मीटर जलस्तर नीचे पहुंच गया है। इसके कारण कई बोर ड्राई हो गए है। उनका कहना था कि जिले में सामान्यता 20 से 22 मीटर की गहराई में पानी का स्रोत मिलता है, लेकिन गर्मियों में यह हमेशा नीचे चला जाता है। इसके बाद यह पानी 200 मीटर से अधिक गहराई में मिलता है। इस गर्मी में जिले में कई 500 फीट से अधिक गहराई के बोर सूख भी सूख गए है।
जल रहे वाहन
इस बार जिले में गर्मी का शिकार वाहन भी हो रहे है। आलम यह है कि खड़े वाहनों में आग लग रही है। शुक्रवार की अल सुबह ओरछा में श्रीरामराजा मंदिर के पीछे निवास करने वाले सतीश शर्मा के एसयूवी वाहन में आग लग गई। सतीश शर्मा ने एक माह पूर्व 13 अप्रेल को वाहन खरीदा था। गुरुवार की रात को वह अपने घर के बाहर वाहन पार्क कर सो गए थे। सुबह से पड़ौसियों ने उन्हें जगाया और वाहन में आग लगे होने की जानकारी दी। इसके बाद लोगों की मदद से इस पर काबू पाया गया। पास ही लगे सीसीटीवी में यह घटना कैद हुई है।
सावधानी बहुत जरूरी
खड़े वाहनों में लग रही आग को लेकर पत्रिका ने ऑटो मोबाइल विशेष मनोज त्रिपाठी से बात की तो उनका कहना था कि इस बार गर्मी बहुत अधिक पड़ रही है। साथ ही उनका कहना था कि लोग कंपनी से वाहन लेने के बाद कई बार बाहर उसको मॉडीफाइड कराते है। ऐसे में तेज आवाज के साइरन, हार्न, फॉग लैंप आदि से वाहनों पर अधिक लोड बड़ जाता है और कंपनी के कण्डेंसर उसे सहन नहीं कर पाते है। काम करते समय यदि कोई वायरिंग ठीक से नहीं जोडी जाती है तो इस प्रकार की घटनाएं हो जाती है। उन्होंने सुझाव दिया है कि गर्मियों में खड़े वाहन में एसी न चलाए। जब भी ऐसी का प्रयोग करना हो तो पहले कुछ दूर तक वाहन को बिना एसी के चलने दे और एसी के वेंड खोल दें, ताकि ताजी हवा अंदर आ सके। फिर एसी ऑन कर धीरे-धीरे कांच बंद करें। उन्होंने इस मौसम में वाहनों को फुल टैंक कराने से भी बचने की सलाह दी है।