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खूब धन संपत्ति भी देगा वट सावित्री पर बना ये विशेष योग, छोटा सा ये उपाय बरसाएगा पैसा

Vat Savitri Vrata Vat Savitri Puja Muhurta Savitri and Satyavan Vat Savitri Muhurta 2024 में वट सावित्री अमावस्या पर विशेष योग बन रहा है। यह योग न केवल पति को आरोग्य और आयु देगा बल्कि उन्हें धन संपत्ति देनेवाला भी साबित हो सकता है।

भोपालJun 05, 2024 / 05:57 pm

deepak deewan

Vat Savitri Vrata Vat

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Vat Savitri Vrata Vat Savitri Puja Muhurta Savitri and Satyavan Vat Savitri Muhurta – 6 जून को ज्येष्ठ अमावस्या है। इस दिन महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखकर अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना करती हैं। माना जाता है कि सावित्री ने सत्यवान को वटवृक्ष के नीचे ही नवजीवन दिया था। उन्हीं की याद में वट सावित्री व्रत और पूजन किया जाता है। महिलाएं विधि विधान से वट वृक्ष की पूजा कर अपने पति की लंबी उम्र की दुआ मांगती हैं।
2024 में वट सावित्री अमावस्या पर विशेष योग बन रहा है। यह योग न केवल पति को आरोग्य और आयु देगा बल्कि उन्हें धन संपत्ति देनेवाला भी साबित हो सकता है। दरअसल 6 जून को रोहिणी नक्षत्र रहेगा। रोहिणी नक्षत्र बहुत ही शुभ माना गया है। इस नक्षत्र में शुभ कार्य और पूजा पाठ का कई गुना फल मिलता है।
ज्योतिष विद पंडित अरुण बुचके बताते हैं कि रोहिणी नक्षत्र के स्वामी चंद्रमा हैं। रोहिणी नक्षत्र में चंद्रदेव की पूजा अर्चना करना बहुत लाभदायक सिद्ध होता है। चंद्रदेव ही धन संपत्ति के स्वामी ग्रह हैं इसलिए वट सावित्री व्रत के दिन लक्ष्मीपूजन जरूर करें। संभव हो तो श्रीसूक्त के 16 सूत्र का पाठ करें। लक्ष्मीजी की स्तुति से उनका आशीर्वाद प्राप्त होगा जिससे घर में धन संपत्ति का आगमन भी होगा।
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इसके साथ ही रोहिणी नक्षत्र में पूजा उपासना से मानसिक स्थिति बेहतर होती है। भय से छुटकारा मिलता है। माता के साथ रिश्ते अच्छे होते हैं।
सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए वट सावित्री व्रत की पूजा करती हैं। 108 परिक्रमा कर वट वृक्ष में धागा बांधती हैं। ज्योतिर्विद पंडित अरुण बुचके बताते हैं कि वट सावित्री व्रत के प्रभाव से ही सती सावित्री ने अपने पति के प्राण यमराज से वापस ले लिए थे।
वट सावित्री के दिन महिलाएं सुबह स्नान कर सोलह श्रंगार करें। सावित्री को देवीस्वरूप मानकर उनकी पूजा करें। बरगद के पेड़ की विधि विधान से पूजा करें और परिक्रमा लगाएं, उसके बाद ही कुछ व्रत का भोजन ग्रहण करें।

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