ये नैनोक्राफ्ट सबसे पहले अल्फा सेंचुरी पर पहुंचने की कोशिश करेंगे, जहां पहुंचने के लिए इन नैनोक्राफ्ट को कम से कम 20 साल लगेंगे
ये रूसी खरबपति है यूरी मिलनर। उनका नाम यूरी गागरिन के नाम पर रखा गया था, जो 55 साल पहले अंतरिक्ष में कदम रखने वाले पहले इंसान थे। अब उन्हीं के नाम को सार्थक बनाने की कोशिश कर रहे हैं यूरी मिलनर। उन्होंने 'स्टारशॉट' नाम का कार्यक्रम स्टीफन हॉकिंस के साथ शुरू किया है, जिसके तहत 'नैनोक्राफ्ट' अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे और वो ब्रह्मांड का कोना कोना छानकर धरती को दूसरी दुनिया के बारे में जानकारी देंगे
ये नैनोक्राफ्ट सबसे पहले अल्फा सेंचुरी पर पहुंचने की कोशिश करेंगे। जहां पहुंचने के लिए इन नैनोक्राफ्ट को कम से कम 20 साल लगेंगे। ऐसा तब होगा, जब एप्पल के आईफोन्स की साइज के ये नैनोक्राफ्ट अबतक की सबसे तेज उड़ान भर सकने में सक्षम होंगे। इन्हें जल्द ही ऐसा बनाया जाएगा, जब ये प्रकाश की गति का कम से कम 20% तेजी हासिल कर ले।
इस बारे में रूसी खरबपति ने महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंस के साथ प्रेस कांफ्रेंस किया। जिसमें उन्होंने बताया कि वो अबतक एलियंस की खोज में 100 मिलियन डॉलर खर्च कर चुके हैं। पर वो हार नहीं माने हैं। अब वो 100 मिलियन डॉलर और खर्च कर रहे हैं, ताकि उन्हें पृथ्वी का विकल्प मिल सके।
बता दें कि इस समय सेंचुरी ग्रह पर जीवन की संभावनाएं मानी जा रही हैं। जो पृथ्वी से 4.2 प्रकाश वर्ष दूर हैं। यहां तक पहुंचने में इन नैनोक्राफ्ट को 20 साल लग जाएंगे। उन्हें यहां धरती से लेजर तकनीकी से जोड़कर रखा जाएगा, ताकि वो उसी गति से सेंचुरी की तस्वीरें भेज सकें। इन नैनोक्राफ्ट का साइज सिर्फ एक आईफोन जितना होगा और वो हाईक्वॉलिटी कैमरों में लैस होंगे।
बता दें कि ये प्रोजेक्ट बेहद पेचीदा भी लग रहा है। क्योंकि इंसानों के पास फिलहाल सबसे तेजी से अंतरिक्ष की दुनिया में घुसने की जो गतिमान एयरक्राफ्त है, वो वोयागर 1 है। वोयागर सबसे तेज उड़ान भरने में सक्षम है, पर अभी उसकी जितनी ताकत है, वो पूरी ताकत लगा ले तब भी सेंचुरी ग्रह तक पहुंचने में उसे 70 हजार साल लग जाएंगे। ऐसे में नैनोक्राफ्ट कितने सफल होंगे, ये आने वाला वक्त ही बताएगा।