
साइंस एंड टेक: दृष्टिबाधितों के लिए एआइ-बैकपैक
डैल्विन ब्राउन
दृष्टिबाधितों के लिए सार्वजनिक स्थलों में चलना-फिरना किसी चुनौती से कम नहीं। हाल ही कई ऐसी तकनीक आई हैं जो दृष्टिबाधितों के लिए राह आसान करती हैं, जैसे रोजमर्रा में काम आने वाले सामान को पहचानने के लिए स्मार्ट ग्लासेज और तकनीकयुक्त आधुनिक छडिय़ां (बेंत), जिनसे धारक को पता चल जाता है कि आगे कहां कोई रुकावट आने वाली है। इसी दिशा में एक नवीनतम नेक्स्ट जेनरेशन एक्सेसरी है - इंटेल के आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) आधारित सॉफ्टवेयर से युक्त बैकपैक।
इस बैकपैक को पहनने वाले व्यक्ति को पता चल जाएगा कि रास्ते में आगे कोई दोराहा है या कोई अजनबी टकरा सकता है। इसके लिए बैकपैक एक अलर्ट देता है, जिसे सुनकर धारक सतर्क हो सकता है। फिलहाल बैकपैक को कोई नाम नहीं दिया गया है। इसका उपभोक्ता के लिए इस्तेमाल योग्य संस्करण बनने में कुछ वर्षों का समय लग सकता है। लेकिन यह एक झलक है कि भविष्य में एआइ और मशीन लर्निंग की सहायता से दृष्टिबाधित लोग अपने आसपास के वातावरण को बेहतर ढंग से कैसे पहचान और समझ सकेंगे जिससे वे और अधिक आत्मनिर्भरता के साथ जी सकेंगे। यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया में तैयार यह बैकपैक बनाने के लिए शोधकर्ताओं ने मौजूदा कंप्यूटरीकृत दृश्य तकनीकों को ऐसे तंत्र के साथ विकसित किया जो दृष्टिबाधितों के लिए बेंत या गाइडिंग डॉग की जगह ले सके। रोबोट्स के लिए कंप्यूटर विजन के विशेषज्ञ जगदीश के. महेन्द्रन जॉर्जिया यूनिवर्सिटी में इस रिसर्च टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने बताया, 'मैं अपनी एक मित्र से मिला जो देख नहीं सकती और वह मुझे बता रही थी कि उसे रोजाना कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। मैं सोच में पड़ गया - मुझे लगा मैं रोबोट्स को चीजें देखना सिखा रहा हूं जबकि दुनिया में कई लोग ऐसे हैं जो देख नहीं सकते और उन्हें मदद की जरूरत है।'
देखने में साधारण बैग जैसा बैकपैक लैपटॉपनुमा छोटा कंप्यूटर है और इसके बाहर माचिस की डिबिया के आकार की जीपीएस यूनिट लगी है। इसके डेमो वीडियो में दिखाया गया है कि यूजर ने एक जैकेट भी पहनी है, जिसमें एआइ कैमरा लगा हुआ है। जब इसे कंप्यूटर से कनेक्ट किया जाता है तो यह 4के कैमरा ऐसे रंग और संकेतों की पहचान कर लेता है, जिनका प्रयोग लोगों को पेड़ की झूलती शाखाओं से बचाने के लिए किया जाता है। यह कैमरा किसी और तरह से भी शरीर पर लगाया जा सकता है जैसे बेल्ट पर एक पाउच लगा कर। यह कैमरा संकेतों को पढ़कर सड़क पार करने वाले मार्ग और रास्ते में आने वाली बाधाएं पहचान लेता है। ब्लूटूथ से यूजर इस तंत्र के साथ संपर्क स्थापित कर सकता है और लोकेशन के बारे में सवाल पूछ सकता है जिसका जवाब भी उसे इसी सिस्टम से मिलेगा।
(लेखक साइंस-टेक्नोलॉजी रिपोर्टर हैं)
द वॉशिंगटन पोस्ट
Published on:
02 Apr 2021 12:35 pm
बड़ी खबरें
View Allओपिनियन
ट्रेंडिंग
