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इंडिया ओपन बॉक्सिंग में भारतीय मुक्केबाजों का रहा जलवा, 12 स्वर्ण समेत जीते 57 पदक

इंडिया ओपन बॉक्सिंग चैम्पियनशिप का यह दूसरा सीजन था
इस टूर्नामेंट में भारतीय बॉक्सरों को मिला 18 रजत पदक
टूर्नामेंट में 27 बॉक्सरों को करना पड़ा कांस्य पदक से संतोष

नई दिल्लीMay 25, 2019 / 09:04 pm

Mazkoor

marycom

इंडिया ओपन बॉक्सिंग में भारतीय मुक्केबाजों का रहा जलवा, 12 स्वर्ण समेत जीते 57 पदक

गुवाहाटी : महिलाओं के 51 और 60 किलोग्राम भारवर्ग में क्रमश: मैरी कॉम और सरिता देवी ने तथा पुरुषों के 52 एवं 60 किलोग्राम भारवर्ग में क्रमश: अमित पंघल और शिवा थापा समेत कई भारतीय मुक्केबाजों ने इंडिया ओपन अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी टूर्नामेंट के दूसरे सीजन के अंतिम दिन स्वर्ण पदक पर अपना नाम लिखाया।
गुवाहाटी के करमबीर नबीन चंद्र बारदोलोई एसी इंडोर स्टेडियम में खेले गए इस टूर्नामेंट के दूसरे सीजन में भारत ने 12 स्वर्ण, 18 रजत और 27 कांस्य पदक समेत कुल 57 पदक पर कब्जा किया। पिछले साल इस टूर्नामेंट में भारत को आठ पदक मिले थे। आज टूर्नामेंट में असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के अध्यक्ष अजय सिंह भी मौजूद थे।

अंतिम दिन महिला वर्ग में इन्हें मिला पदक

– इंडिया ओपन बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में एशियाई चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता सरिता देवी ने 60 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल मुकाबले में सिमरनजीत कौर को 3-2 से मात दी। सरिता का यह बीते तीन साल में पहला स्वर्ण पदक है। इससे पहले उन्हें दक्षिण एशियाई खेल-2016 में स्वर्ण पदक मिला था। उन्होंने अपना यह पदक कैंसर से जान गंवा चुकी अपनी मां समर्पित किया है।
– वहीं मैरीकॉम ने फाइनल में वेनिला दुआती को 5-0 से मात दी। मैरीकॉम का इंडिया ओपन में यह दूसरा स्वर्ण पदक है। इससे पहले वो 48 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण जीत चुकी हैं।
– 57 किलोग्राम भारवर्ग के मुकाबले में नीरज ने मनीषा मौन को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया तो मौन को रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
– स्थानीय मुक्केबाज जमुना बोरो के हाथ भी आज कामयाबी लगी। उन्होंने वाई संध्यारानी को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया तो संध्या रानी के हाथ उनसे हारकर रजत पदक लगा।
– 75 किग्रा भारवर्ग में भाग्यवती कचरी ने पूजा को 3-2 से हराकर सोने पर अपना नाम लिखाया वहीं पूजा को रजत से संतोष करना पड़ा।
– 64 किग्रा भारवर्ग में अंकुशिता बोरो को इटली की फ्रांसेसा अमातो से 0-5 से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
– विश्व चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता लवलिना बोरगोहेन को भी 69 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में इटली की असुंता केनफोरा से 3-2 से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

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पुरुष वर्ग में इन्हें मिला पदक

– 52 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में अमित पंघल ने हमवतन सचिन सिवाच को मात देकर उलटफेर किया। सचिन का कद अमित से ज्यादा था, इसके बावजूद अमित यह मुकाबला जीतने में कामयाब रहे। पहले राउंड में वह डिफेंसिव खेले, लेकिन दूसरे राउंड का अंत होने तक वह आक्रामक हो गए थे। यहां से अमित ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा और सचिन को मात दी। पंघल के नाम इस साल का यह तीसरा स्वर्ण पदक है। उन्होंने इससे पहले स्ट्रांजा कप और एशियाई चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता था। वहीं सचिन सिवाच को रजत पदक मिला।
– 60 किलोग्राम भारवर्ग में शिवा थापा ने बेहतरीन प्रदर्शन कर अपने ही देश के मनीष कौशिक को 5-0 से मात दी। इसी के साथ शिवा ने 2018 में मनीष के हाथों मिली हार का बदला भी ले लिया।
– 69 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में एशियाई चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता आशीष कुमार ने दुर्योधन सिंह नेगी को 5-0 मात दी।
– 49 किलोग्राम भारवर्ग में एशियाई चैम्पियनशिप के रजत पदक विजेता दीपक ने गोविंद कुमार साहनी को 5-0 से हराया।
– बेहतरीन फॉर्म में चल रहे कविंदर सिंह बिष्ट को फाइनल में चाटचाई डेचा बुटदी के हाथों हार मिली। बिष्ट का इस साल का यह दूसरा रजत पदक है। उन्हें पिछले महीने एशियाई चैंपियनशिप में भी रजत से संतोष करना पड़ा था।
– 64 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में रोहित टोकस को मॉरिशस के कोलिन लुइस रिचार्नो के साथ मुकाबले में पहले ही दौर में घुटने में चोट लगी और उन्होंने बीच में ही मुकाबला छोड़ दिया। इसी कारण उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

पंघल ने जीत पर जताई खुशी

मैच के बाद जीत पर खुशी जताते हुए अमित पंघल ने कहा कि सचिन सिवाच काफी लंबे बॉक्सर हैं। उन्हें लगता है कि अभी तक उन्होंने जितने मुक्केबाजों का सामना किया है, उनमें वह सबसे लंबे हैं। एशियाई चैम्पियनशिप में भी उनका सामना लंबे मुक्केबाजों से हुआ, लेकिन सचिन उन सबमें लंबे हैं। इस वजह से उनकी कोशिश थी कि वह या तो सचिन के काफी करीब जाए या फिर उनसे दूरी बना कर रखें। दूर रहने का उनको फायदा मिला। उनकी तकनीक के बारे में भी पता चल रहा था। इसके बाद उन्होंने उनके पास जाकर आक्रमण किया।

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