किवी टीम की आक्रामक शुरुआत-
किवी टीम ने मैच में आक्रामक शुरुआत की और शुरुआती मिनटों में फ्रांस के डिफेंस की कई बार परीक्षा ली। फ्रांस के खिलाड़ी हालांकि किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं थे। उन्होंने धीरे-धीरे लय पकड़ी और पहले क्वार्टर के आखिरी में कुछ मौके बनाए। उसके पास गोल करने का मौका भी आया जो विफल रहा।
दूसरे क्वार्टर में कीवी ने ली बढ़त-
किवी टीम ने इस बीच अपनी लय नहीं खोई और दूसरे क्वार्टर के शुरुआत में ही वह गोल करने में सफल रही। दाएं फ्लैंक से किवी टीम के खिलाड़ी ने हवा में गेंद खेली जिसे रसेल ने कब्जे में ले बेहतरीन तरीके से नेट में डाल अपनी टीम को एक गोल से आगे कर दिया। यहां से फ्रांस सतर्क हो गई थी और अब उसके खिलाड़ी बराबरी के लिए उतावले दिख रहे थे। 19वें मिनट और 20वें मिनट में फ्रांस की आक्रमण पंक्ति ने मौके बनाए जिसे किवी टीम के मजबूत डिफेंस ने नकार दिया।
तीसरा क्वार्टर गोलरहित-
दूसरे क्वार्टर में गोल करने में विफल रहने के बाद तीसरे क्वार्टर में फ्रांस के पास कई मौके आए लेकिन चार्लेट किसी भी मौके को गोल में नहीं बदल पाए। 37वें मिनट में कप्तान चूक गए। 39वें मिनट में फ्रांस बराबरी के एक और मौके को जाया कर गई।
स्टीफन ने कीवी को दिलाई निर्णायक बढ़त-
चौथे और आखिरी क्वार्टर में 52वें मिनट फ्रांस को लगातार दो पेनाल्टी कॉर्नर मिले लेकिन दोनों पर ही चार्लेट गोल नहीं कर सके। वहीं फ्रांस के लगातार आक्रमण के बीच किसी तरह अपनी बढ़त को बनाए रख पाने में सफल रही किवी टीम के लिए स्टीफन ने दूसरा गोल कर काम आसान कर दिया। इस गोल के बाद उसके लिए आखिरी पांच मिनटों में बढ़त को बनाए रखना आसान हो गया था। स्टीफन का यह गोल किवी टीम के लिए एक तरह से भाग्यशाली रहा क्योंकि अगर यह गोल नहीं होता तो 59वें मिनट में फ्रांस के कप्तान द्वारा पेनाल्टी कॉर्नर पर किए गए गोल के कारण मैच बराबरी पर खत्म हो जाता। चाल्र्ट का यह गोल हालांकि काफी देर से आया जो फ्रांस की हार का बड़ा कारण भी रहा।