इमरान सरकार के इस फैसले के बाद से इंटरनेट और प्रौद्योगिकी कंपनियों गूगल, फेसबुक और ट्विटर ने पाकिस्तान छोड़ने की धमकी दी है।
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दरअसल, इमरान सरकार ( Imran Khan Government ) ने नए कानून को लागू करते हुए डिजिटल कंटेंट को सेंसर करने के लिए अधिकारियों को सामूहिक शक्तियां देने की अनुमति दी है, जिसके खिलाफ इंटरनेट और प्रौद्योगिकी कंपनियों ने आवाज उठाई है। आलोचकों का कहना है कि इमरान सरकार का यह फैसला रूढ़िवादी इस्लामी राष्ट्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रोकने के उद्देश्य से किया गया है।
क्या है इस नए नियम में
आपको बता दें कि इमरान सरकार की ओर से लागू किए गए इस नए नियम में सरकारी मीडिया नियामकों को बढ़ी हुई शक्तियां दी गई है। नए नियमों के तहत, सोशल मीडिया कंपनियों या इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को इस्लाम की अवहेलना करने वाली सामग्री के बंटवारे पर अंकुश लगाने, आतंकवाद को बढ़ावा देने, अभद्र भाषा वाले, अश्लील साहित्य या किसी भी सामग्री, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे के रूप में देखा जाएगा, उस पर 3.14 मिलियन डॉलर तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा।
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फिलहाल, इस कानून के विरोध को लेकर इमरान सरकार की ओर से तत्काल रूप से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि इमरान सरकार बार-बार कहती रही है कि उसका यह कदम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ नहीं है।
बता दें कि इससे पहले इमरान खान के कार्यालय ने कहा था कि 2018 के बाद से सोशल मीडिया के तमाम साइटों की ओर से पाकिस्तान विरोधी, अश्लील और सांप्रदायिक संबंधित कंटेंट हटाने में की गई देरी के बाद ये नियम बनाए गए थे। अब नए नियम के तहत आपत्तिजनक कंटेंट में को लेकर पाकिस्तानी अधिकारियों की ओर से शिकायत किए जाने के 24 घंटे के भीतर हटाना या ब्लॉक करना अनिवार्य होगा।