भारत ने जताई आपत्ति
आपको बता दें कि 12 अप्रैल को का पर्व था। इसी दिन श्रद्धालुओं का एक जत्था पाकिस्तान गया था। भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, इन लोगों को पाकिस्तान के गुरुद्वारे में एंट्री नहीं मिली थी। भारत ने पाकिस्तान की इस हरकत पर कड़ी आपत्ति जताई है। यह विवाद उस वक्त खड़ा हो रहा है, जब दोनों देशों ने अपने डिप्लोमेट्स और उनके परिवार के साथ उत्पीड़न और धमकी जैसे मामले निपटाने का फैसला किया है। गौरतलब है कि इन लोगों को 12 अप्रैल को पाकिस्तान के रावलपिंडी में स्थित पंजा साहिब गुरुद्वारा में बैसाखी का उत्सव मनाना था।
विदेश मंत्रालय ने दिया बयान
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘द्विपक्षीय समझौते के तहत लगभग 1800 सिख तीर्थयात्रियों का एक जत्था पाकिस्तान के लिए 12 अप्रैल को रवाना हुआ था। यह शुरू से देखा गया है कि इस दौरान भारतीय उच्चायोग के काउंसलर / प्रोटोकॉल टीम भारत से आए तीर्थयात्रियों के साथ रहती है, जिसमें चिकित्सा या परिवार के आपातकाल में मदद करना होता है। वहीं विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारतीय राजनयिकों को भारत से आने वाले सिख तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा जाने व दूतावास के अफसरों से मिलने की छूट होती है। यह छूट काउंसलर और प्रोटोकॉल से जुड़े दायित्वों के अंतर्गत प्रदान की जाती है।