रोहट निवासी प्रतापराम 62 पुत्र नारायणराम मेघवाल की तबीयत खराब होने व श्वास लेने में दिक्कत होने पर सुबह उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रोहट लाया गया। चिकित्सको ने प्राथमिक उपचार कर ऑक्सीजन दी और पाली रैफ किया। इस पर परिजनों ने 108 एम्बुलेंस के कंट्रोल रूम पर फोन लगाया। इएमटी से बात करवाई गई तो उसने मरीज को ले जाने से इनरकार कर दिया। वह बोला पाली में मरीजों को लेते नहीे है, मैे सुबह भी लेकर गया था। इसके बाद भी वह नहीं माना तो चिकित्सक ने जब इएमटी से कहा मरीज की जान पर बन सकती है तो इएमटी ने कहा वहां बेड नहीं मिलेगा तो मरीजा को एम्बुलेंस में रखूंगा क्या।
इस पर चिकित्सक ने कहा कि आपका काम सर्विस देना है आप मना नहीं कर सकते। इसके बाद चिकित्सक ने कहा कि अगर मरीज मर गया तो मैं लिख कर दूंगा कि 108 एम्बुलेंस कंट्रोल रूम से मना किया है। इसके करीब एक से डेढ़ घंटे बाद 108 एम्बुलेंस रोहट अस्पताल पहुंची और मरीज को पाली ले जा सका।
बोला ले जाकर पटक दूंगा…
करीब डेढ़ घंटे बाद मरीज को लेने पहुंचे एम्बुलेंस चालक के तेवर तेज थे। वहां आते ही मरीज के परिजनों से बोला अभी सुबह दो मरीजों को पटक कर आया हूं। इसे भी वहां ले जाकर पटक दूंगा। इस पर परिजनों ने उसे बात ढंग से करने का आग्रह किया, लेकिन वह नहीं माना।