दरअसल, किसानों को पशुओं से फसल की रक्षा करने के लिए कांटेदार तारों से तारबंदी करनी पड़ती है, ताकि वह अपनी फसल की रक्षा कर सकें। लेकिन कुछ किसान आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं। ऐसे में राज्य में रहने वाले लघु एवं सीमांत किसानों की फसलों को जंगली जानवरों और नीलगाय, जंगली सुअरों से सुरक्षित रखने के लिए राजस्थान सरकार ने यह योजना शुरू की है।
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ऐसे मिलेगा अनुदान:
किसान व्यक्तिगत या समूह में प्रति किसान 400 रनिंग मीटर की सीमा तक कृषक या समूह में तारबंदी किए जाने पर अनुदान देय होगा। हालांकि, खेत की परिधि की लंबाई 400 मीटर से अधिक होने पर शेष दूरी में कृषक या कृषक समूह की ओर से स्वयं के स्तर पर खेत की सुरक्षा के लिए आवश्यक क्षेत्र में खेत को सुरक्षित करने की घोषणा प्रस्तुत करनी होगी, तभी अनुदान राशि मिल सकेगी।
बदलाव के बाद किसान दिखा रहे रुचि:
तारबंदी योजना के मापदंडों के चलते कई किसान इसका लाभ लेने में रुचि नहीं दिखा रहे थे। अब तारबंदी योजना के मापदंडों में बदलाव किया गया है, जिससे किसानों को ज्यादा लाभ मिल सकेगा। योजना के अंतर्गत लघु एवं सीमांत कृषकों को तारबंदी के लिए लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 48 हजार रुपए, वहीं अन्य कृषकों के लिए लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 40 हजार रुपए का अनुदान दिया जाता है।
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ऐसे कर सकते हैं आवेदन:
किसान राज किसान साथी पोर्टल पर जनाधार के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए निकटतम कृषि कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं अथवा किसान कॉल सेंटर के निशुल्क दूरभाष नंबर 1800-180-1551 पर बात कर सकते हैं।
किसानों के लिए फायदेमंद:
तारबंदी योजना के मापदंडों में बदलाव से किसानो को लाभ होगा। अब इसमें 10 फीट की दूरी की जगह अब किसान 15 फीट की दूरी पर पोल लगा सकेंगे। इससे फसलों की सुरक्षा में आसानी रहेगी।
ओमप्रकाश शर्मा, संयुक्त निदेशक, कृषि विस्तार, पाली