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विद्यालय को गोद लेकर कैसे संवारी तस्वीर जानिए

– जिस विद्यालय में बहनें पढ़ी, उसे बदहाल देखा तो गोद लेकर संवार दी तस्वीर- तखतगढ़ निवासी मुकेश जैन ने बालिका विद्यालय को बनाया आदर्श

पालीOct 14, 2019 / 11:49 am

Rajendra Singh Rathore

विद्यालय को गोद लेकर कैस संवारी तस्वीर जानिए

विद्यालय को गोद लेकर कैस संवारी तस्वीर जानिए

पाली/पावा। अपनी बहनों के सरकारी विद्यालय मेेंं पढऩे के बाद मन में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की उमंग जगी। एक दिन तखतगढ़ नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष जयंती जैनम के साथ मुकेश कुमार जैन कस्बे के संघवी मंगी बाई राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय पहुंचे। जहां विद्यालय के हालात देखकर उसे बदलने का मानस बनाया और इसके बाद स्कूल का रूप ही बदल दिया। जब वे प्रधानाचार्य गजेन्द्रसिंह से मिले थे तो उन्होंने कमियों की जानकारी लेकर तीन साल के लिए गोद लिया।
बलाना निवासी अंबालाल जैन व्यवसाय करने के लिए मुम्बई गए थे। वे जब भी तखतगढ़ लौटते तो जरूरतमंदों की सहायता करते थे। विद्यालय में भौतिक सुविधाएं सुलभ करवाते रहे। उनके निधन के बाद तीन वर्ष पूर्व पूर्व पालिकाध्यक्ष जयंती जैनम के साथ जैन कस्बे के संघवी मंगीबाई राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय पहुंचे। पूर्व में विद्यालय भी भौतिक सुविधाओं की कमी देखी। इसके बाद उन्होंने जर्जर कमरों एवं प्रथम तल के हॉल के टूटे प्लास्टर को वापस करवाया। विद्यालय में लाईट फिङ्क्षटग, छत पर वाटर प्रूफ पेंट करवाया। विद्यालय में बालिकाओं के बैठने के लिए 320 टैबल स्टूल दिए। स्कूल में पांच ग्रीन बोर्ड, बालिकाओं के लिए 10 सुविधा केन्द्र बनवाएं। विद्यालय में हाल ही में पोषाहार कक्ष का निर्माण करवाया। विद्यालय में कैमरे भी लगाए।
अन्य दानदाताओं का रहा सहयोग
विद्यालय का मुख्य द्वार संघवी मदनलाल खोड़ा एवं दूसरे द्वार का तिलोकचंद ने निर्माण करवाया। चारदीवारी को ऊंचा करके भीति चित्र बनाएं है। विद्यालय में चुन्नीलाल सुथार परिवार ने मां सरस्वती का मंदिर भी बनवाया। अन्य दानदाताओं ने पंखे, अभिभावकों के बैठने के लिए कुर्सिया, इंवेटर, 15 पंखे, दो इंसुलेटर व सैनेट्री नेपकीन की सुविधाएं करवाई गई है। प्रधानाचार्य कक्ष के पीयूपी एवं न्यू फर्नीचर भी
बनवाया है।
प्रयास किए है
मेरी बहनों ने इसी विद्यालय में पढ़ाई की। मुझे भी बालिकाओं के आगे बढऩे की खुशी होती है। मैंने तीन साल के लिए विद्यालय गोद लिया है। विद्यालय में कुछ भौतिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के प्रयास किए है।
-मुकेश कुमार जैन, भामाशाह तखतगढ़।

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