जिले में 142 आयुर्वेद के चिकित्सालय है। इनमें से 33 अस्पतालों में चिकित्सक नहीं है। वहां पर सप्ताह में दो दिन के लिए अन्य जगह से चिकित्सक को भेजा जाता है। उसके अवकाश पर या अन्य किसी कारण से बाहर होने पर उन दिनों में भी आयुर्वेद चिकित्सालय बंद ही रहते हैं।
पाली जिला मुख्यालय पर जिला आयुर्वेद चिकित्सालय जूनी कचहरी में है। वहां पर रोजाना 80-90 की ओपीडी रहती है। यहां पंचकर्म के लिए एक भी विशेषज्ञ नहीं है। इससे वह बंद है। दूसरी तरफ तीन की जगह दो चिकित्सक ही नियुक्त है। कम्पाउंडर भी सात में से चार ही कार्यरत है। हाउसिंग बोर्ड चिकित्सालय में चिकित्सक ही नहीं है।
आयुर्वेद चिकित्सालयों में सरकार की ओर से सफाई करने के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक नहीं लगाए जा रहे है। जिले में 142 अस्पताल में 96 पद है। इनकी तुलना में 63 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही है। जहां चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नहीं है। वहां 125 रुपए प्रति माह सफाई के देते है। इतनी राशि में कोई सफाई करने को आता ही नहीं है।
कार्मिकों की कमी है। इसके बावजूद हम हर चिकित्सालय पर चिकित्सक भेजकर मरीजों का उपचार करने का पूरा प्रयास करते है। हमने कई जगह पर मंगलवार व गुरुवार को चिकित्सक भेजने की व्यवस्था भी कर रखी है। –डॉ. अशोक कुमार शर्मा, उपनिदेशक, आयुर्वेद विभाग, पाली
142 आयुर्वेद चिकित्सालय जिले में
156 पद है आयुर्वेद चिकित्सकों के
51 कार्यरत है जिले में आयुर्वेद चिकित्सक
137 नर्स व कम्पाउंडर के पद
88 नर्स व कम्पाउंडर कार्यरत
96 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद
63 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही कार्यरत