आक्रोश दबाने की तैयारी इस मसले को लेकर किसान संघर्ष समिति के पदाधिकारी जितने तल्ख तेवर अपनाए हुए हैं, उससे प्रशासनिक चिंता बढ़ गई है। बताया जाता है कि आगामी दिनों में सीएम
वसुंधरा राजे के सामने या उनकी जनसुनवाई में किसान बड़े स्तर पर इस मामले को उठा सकते हैं। ऐसे में सीएम के सामने किसी अनहोनी को टालने के लिए ही कपड़ा उद्योग में पांच दिन का क्लोजर लिया गया है। अब चर्चा है कि यह क्लोजर बढ़ाया जा सकता है।
एक दिक्कत यह भी
कपड़ा उद्योग के सामने बड़ी दिक्कत यह है कि 23 अप्रेल को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) में प्रदूषण के मसले पर सुनवाई होनी है। ऐसे में क्लोजर को यथावत रखने का आदेश दे दिया जाता है तो यह कपड़ा उद्योग के लिए बड़ा झटका होगा। पिछले साल उद्योगों के बंद रहने का यह सबसे बड़ा कारण रहा था।
टीम ने किया निरीक्षण क्लोजर शुरू होते ही प्रबोधन समिति के अध्यक्ष जिला कलक्टर के निर्देश पर टीम ने सोमवार को औद्योगिक क्षेत्रों में निरीक्षण शुरू कर दिया। उपखण्ड अधिकारी महावीरसिंह के साथ आरपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी राजीव पारीक व पुलिस जाप्ता जांच के लिए पहुंचा। कई इकाइयों में फोटोग्राफी की। हालांकि किसी प्रकार की कार्रवाई से इनकार किया है।
इनका कहना…पांच दिन का क्लोजर शुरू हो चुका है। इसकी पालना के लिए सभी को आदेश दे दिए गए हैं। जो कपड़ा भीगा हुआ है उसके लिए अलग से स्वीकृति लेनी होगी। मंगलवार को यह प्रक्रिया भी पूरी करेंगे। जब तक स्वीकृति नहीं मिलती उद्यमियों को
काम पूरा बंद रखना होगा।
– सुरेश गुप्ता, अध्यक्ष, सीईटीपी ट्रस्ट।