
बिहार में दो ट्रैक बिछाने जा रहा है रेलवे। (फोटो-एआई)
इंडियन रेलवे ने बिहार से होकर बंगाल और यूपी की ओर आने-जाने वाली सैकड़ों ट्रेनों का दबाव कम करने के लिए रेल लाइनों के एक्सपेंशन का प्लान बनाया है। इसके तहत पंडित दीनदयाल उपाध्याय (DDU) स्टेशन से झाझा के बीच अतिरिक्त रेल लाइनों के निर्माण की योजना तैयार की गई है। इसमें लगभग 17,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस प्रोजेक्ट का मकसद बिहार के सबसे व्यस्त रेल रूट पर भीड़भाड़ कम करना और ट्रेनों के टाइमटेबल की क्षमता सुधारना है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, DDU से किऊल तक तीसरी और चौथी लाइन बिछाई जाएगी, जबकि किऊल से झाझा तक सिर्फ तीसरी लाइन जोड़ी जाएगी। इसके लिए इंजीनियरिंग स्केल प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसमें ट्रैक लेआउट, जमीन की जरूरत और मौजूदा स्टेशनों के साथ इंटिग्रेशन जैसे बिंदु शामिल होंगे। रेलवे बोर्ड पहले ही इस रूट पर तीसरी लाइन के निर्माण को मंजूरी दे चुका है और आगे की मंजूरी चरणबद्ध तरीके से दी जाएगी।
बीते हफ्ते बिहार सरकार और रेलवे अधिकारियों की बैठक में जमीन अधिग्रहण और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कई समस्याओं का हल किया गया। राज्य सरकार ने गुलजारबाग से पटना साहिब स्टेशन के बीच लगभग 4 मीटर जमीन उपलब्ध कराने पर सहमति जताई है। यहां रेलवे 3.5 मीटर चौड़ी सर्विस रोड और एक एलीवेटेड रोड भी बनाएगा, ताकि आम जनता की आवाजाही सुचारू बनी रहे।
योजना के तहत, DDU से पटना तक तीसरी और चौथी लाइन बिछाई जाएगी। राजेंद्रनगर से फतुहा तक तीसरी लाइन और फतुहा तक चौथी लाइन नूरा, जतदुमरी और दनियावां होते हुए जाएगी। फतुहा से किऊल तक तीसरी और चौथी दोनों लाइनें होंगी, जबकि किऊल से झाझा तक केवल तीसरी लाइन बनेगी।
वर्तमान में झाझा से DDU के बीच रोजाना 280 से 292 ट्रेनें चलती हैं, जिससे दोहरी लाइन पर जबरदस्त दबाव रहता है। त्योहारों और भीड़भाड़ वाले मौसम में जब स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जाती हैं तो हालात और बिगड़ जाते हैं। अधिकारियों का कहना है कि नई लाइनों के पूरा होने के बाद ट्रेन की स्पीड और पंक्चुएलिटी दोनों सुधरेंगी। त्योहारों में चलने वाली स्पेशल ट्रेनों का संचालन भी ज्यादा सुगम होगा।
Updated on:
28 Aug 2025 10:01 am
Published on:
27 Aug 2025 03:51 pm
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