पटना

बिहार SIR 2025 : वोटर बनने का आखिरी मौका, इस तारीख के बाद आयोग नहीं लेगा दरख्वास्त

बीजेपी ने सबसे ज्यादा 53,338 बीएलए नियुक्त किए, लेकिन उनसे कोई दावा या आपत्ति नहीं आई।

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Aug 28, 2025
बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर दंगल मचा है। (फोटो सोर्स : पत्रिका)

बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) 2025 के दौरान मतदाता सूची में दावे और आपत्ति दर्ज कराने का प्रोसेस 4 दिन और चलेगा। चुनाव आयोग के ताजा बुलेटिन के अनुसार, आपत्ति देने में राजनीतिक दलों की सक्रियता बेहद सीमित रही है। महागठबंधन में से अब तक केवल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने आपत्तियां दर्ज की हैं, जबकि बीजेपी, कांग्रेस और अन्य दल पूरी तरह चुप हैं।

बीजेपी ने सबसे ज्यादा 53,338 बीएलए नियुक्त किए

आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक राजनीतिक दलों की ओर से कुल 1,60,813 बीएलए (BLA) नियुक्त किए गए, लेकिन इनमें से सिर्फ 82 ही क्लेम्स और ऑब्जेक्शंस प्राप्त हुए हैं। बीजेपी ने सबसे ज्यादा 53,338 बीएलए नियुक्त किए, लेकिन उनसे कोई दावा या आपत्ति नहीं आई। कांग्रेस ने 17,549 और जदयू ने 36,550 बीएलए तैनात किए, मगर वहां से भी कोई दावा या आपत्ति दर्ज नहीं हुई।

राजद ने 45,479 बीएलए नियुक्त किए

राजद ने 45,479 बीएलए नियुक्त किए थे और 4 आपत्ति दर्ज कराई हैं। वहीं, सीपीएम ने 899 बीएलए नियुक्त किए और 79 आपत्ति दर्ज कीं। आमतौर पर माना जाता है कि मतदाता सूची की निगरानी ही चुनावी तैयारी का पहला कदम होती है। अगर योग्य वोटर मतदाता सूची से छूट जाते हैं या अयोग्य नाम शामिल हो जाते हैं, तो इसका सीधा असर नतीजों पर पड़ता है। दिलचस्प बात यह है कि एनडीए दलों की स्थिति भी अलग नहीं है। बीजेपी और जदयू जैसे बड़े दलों ने हजारों प्रतिनिधि तैनात किए, लेकिन वहां से भी कोई दावा या आपत्ति दाखिल नहीं हुई।

1 सितंबर तक ही दर्ज होंगी आपत्ति

चुनाव आयोग ने साफ किया है कि दावे और आपत्ति दाखिल करने की अंतिम तिथि 1 सितंबर 2025 है। इसके बाद नामों में बदलाव की गुंजाइश नहीं होगी। आयोग ने सभी दलों और मतदाताओं से अपील की है कि वे निर्धारित समय सीमा में क्लेम्स और ऑब्जेक्शंस जरूर दाखिल करें ताकि मतदाता सूची तैयार हो सके।

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