30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Child bites Cobra : गेहूंअन के जहर से कैसे बचा 1 साल का गोविंदा? डॉक्टरों ने बताई वजह

भारत में हर साल करीब 60 हजार मौतें होती हैं, जिससे इसे Snake Bite Capital of the World कहा जाता है।

2 min read
Google source verification

पटना

image

Ashish Deep

Jul 28, 2025

बिहार के बेतिया में एक बच्चे ने सांप को काट लिया। Patrika

Child bites Cobra : सावन में सांप का निकलना सामान्य बात है, लेकिन बिहार के बेतिया में एक बच्चे के घर में निकले सांप को खेल-खेल में काट लेना और उसके बाद गेहूंअन यानी कोबरा की तुरंत मौत हो जाना अपने आप में हैरान करने वाली घटना है। 1 साल के गोविंदा की जान अब खतरे से बाहर है। लोग इसे भगवान का चमत्कार मान रहे हैं और जानकार वैज्ञानिक कारण बता रहे हैं।

बच्चा सांप को काटे तो क्या जहर शरीर में जा सकता है?

सवाल उठता है कि क्या अगर कोई इंसान, खासकर बच्चा सांप को काटता है, तो क्या उससे जहर शरीर में जा सकता है? चाइल्ड स्पेशिलस्ट और गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ. श्रीश भटनागर बताते हैं कि जब सांप इंसान को काटता है, तो उसका जहर सीधा खून में पहुंचता है, जिससे जान जाने का खतरा रहता है। लेकिन जब कोई इंसान सांप को काटता है, तो जहर मुंह के जरिए पाचन तंत्र में जाता है। शरीर का पाचन तंत्र जहर का असर कम कर देता है, जिससे वह नुकसान नहीं करता। हालांकि, कुठ मामलों में अनहोनी होने का खतरा देखा गया है।

भारत को कहते हैं Snake Bite Capital

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल दुनियाभर में सवा लाख लोग सांप के काटने से मर जाते हैं। इनमें से अकेले भारत में करीब 60 हजार मौतें होती हैं, जिससे भारत को Snake Bite Capital of the World कहा जाता है। बिहार सरकार के मुताबिक अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के बीच राज्य में करीब 1000 लोगों की मौत सांप काटने से हुई। इस दौरान 15 हजार से ज्यादा मरीजों को सही वक्त पर इलाज मिल सका।

Snake Bite से कैसे बचाएं अपने बच्चे को

विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों में जिज्ञासा और जोखिम लेने की प्रवृत्ति ज्यादा होती है, जो ऐसे मामलों को जन्म देती है। ऐसे में जरूरत है कि बच्चों को जागरूक किया जाए और ग्रामीण क्षेत्रों में त्वरित इलाज की सुविधा बढ़ाई जाए। अगर कोई बच्चा सांप को काटता है और निगलता है, तो जहर का असर आमतौर पर खतरनाक नहीं होता, लेकिन पूरी तरह सुरक्षित भी नहीं कहा जा सकता। शरीर में किसी भी इंटरनल इंजरी या ब्लीडिंग की स्थिति में यह जानलेवा भी बन सकता है।