
तेज प्रताप यादव (Photo-ANI)
Tej Pratap Yadav Mahua Seat : बिहार की सियासत में एक बार फिर बवंडर मचा है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने घोषणा की है कि वह नवंबर 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में महुआ सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरेंगे। तेज प्रताप को मई में आरजेडी से 6 साल के लिए बाहर कर दिया गया था और अब वे Team Tej Pratap Yadav के बैनर तले अपनी राजनीतिक पारी को नए सिरे से शुरू करने को तैयार हैं।
तेज प्रताप वर्तमान में समस्तीपुर के हसनपुर सीट से विधायक हैं, लेकिन उन्होंने साफ कर दिया है कि 2025 में उनका फोकस महुआ विधानसभा पर होगा। उन्होंने कहा-हां, इस बार मैं महुआ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा। विरोधियों को अब खुजली होने लगी होगी। उनका यह बयान सियासी हलकों में खलबली मचा चुका है।
महुआ विधानसभा सीट वैशाली जिले में आती है और यह सामान्य सीट है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 2.86 लाख है। राजनीतिक विश्लेषक ओम प्रकाश अश्क के मुताबिक जातिगत और धार्मिक समीकरण तेज प्रताप के पक्ष में जाते दिख रहे हैं।
अश्क के मुताबिक हाल में उपलब्ध एक वोटर एनालिसिस के मुताबिक महुआ सीट पर दो प्रमुख समुदाय राय (16.6%) और मुस्लिम (15.1%) मिलकर करीब 30% वोटर बेस बनाते हैं। यह वही 30% है जो तेज प्रताप की सबसे बड़ी उम्मीद बन सकते हैं। राय समुदाय पारंपरिक रूप से यादवों के करीब रहा है और सामाजिक रूप से उनके साथ राजनीतिक जुड़ाव रखता है। मुस्लिम मतदाता, जो आमतौर पर आरजेडी के वोट बैंक माने जाते हैं, वे तेजस्वी यादव से नाराज हैं या असमंजस में हैं तो तेज प्रताप को विकल्प के रूप में देख सकते हैं।
अश्क के मुताबिक तेज प्रताप ने अपनी सोशल मीडिया छवि को 'रीब्रांड' किया है। अब वे खुद को एक जन नेता के तौर पर पेश कर रहे हैं, जो किसी पार्टी का मोहताज नहीं है। उनके समर्थक अब पीले झंडे लिए दिखते हैं, जिन पर Team Tej Pratap Yadav लिखा होता है। उन्होंने कहा- मुझे जनता का साथ मिल रहा है… बहुत सारे लोग अब मेरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े हैं। यह साफ संकेत है कि वे जमीनी नेटवर्क के साथ-साथ डिजिटल मैदान में भी आक्रामक रणनीति अपना रहे हैं।
2020 के विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग के पास दाखिल हलफनामे से पता चलता है कि तेज प्रताप पर IPC की कई धाराओं के तहत केस दर्ज हैं, जिनमें हत्या का प्रयास (धारा 302), घातक हथियार से चोट पहुंचाना (धारा 324) और 498A जैसे घरेलू हिंसा से जुड़े मामले शामिल हैं। हालांकि, बिहार की राजनीति में यह कोई नया चलन नहीं है। कई दिग्गज नेता आपराधिक मुकदमों के बावजूद चुनाव जीत चुके हैं। तेज प्रताप भी शायद इसी समीकरण को समझते हैं और अपनी अलग पहचान बनाने में जुटे हैं।
अश्क के मुताबिक महुआ सीट से फिलहाल आरजेडी के मुकेश रोशन विधायक हैं, जो तेजस्वी यादव के करीबी माने जाते हैं। रोशन ने कहा है कि हमारे नेता लालू जी और तेजस्वी जी हैं… जो भी फैसला वे लेंगे, वह मान्य होगा। इसका सीधा मतलब है कि अगर तेज प्रताप यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं तो लड़ाई आरजेडी बनाम तेज प्रताप बन सकती है।
Updated on:
28 Jul 2025 06:09 pm
Published on:
28 Jul 2025 05:47 pm
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