
बाढ़ पीड़ितों के खाते में पैसा ट्रांसफर करते सीएम नीतीश कुमार। फोटो- आईपीआरडी
Bihar flood मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को बाढ़ से प्रभावित परिवारों को डी०बी०टी० (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाता में 7000 रूपये प्रति परिवार की दर से आनुग्रहिक राहत (Gratuitous Relief GR) की राशि का भुगतान किया। बिहार के 12 जिलों के 6 लाख 51 हजार 602 प्रभावित परिवारों को 7000 रुपये प्रति परिवार की दर से 456 करोड़ 12 लाख रुपये का भुगतान किया गया। भागलपुर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा के बाद सीएम ने कुछ दिन पहले ही इस बात की घोषणा किया था।
विकास आयुक्त सह आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव ने इसको लेकर जानकारी देते हुए कहा कि अगस्त माह में गंगा नदी के जलस्तर में अत्यधिक वृद्धि के कारण गंगा के किनारे स्थित 11 जिलों ( भोजपुर, पटना, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर एवं कटिहार) में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। इससे पहले पड़ोसी राज्य में भारी वर्षा के कारण नालन्दा जिला के 4 प्रखण्डों के 8 पंचायतों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी। इस प्रकार कुल 12 जिलों के 66 प्रखण्डों में लगभग 38 लाख आबादी बाढ़ प्रभावित हुई है। बाढ़ के दौरान अब तक 2.19 लाख पॉलीथीन शीट्स तथा 57 हजार 639 ड्राई राशन पैकेट वितरित की गई। 14 बाढ़ राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जिसमें लगभग 15 हजार लोग रह रहे हैं। सामुदायिक रसोई केंद्र में अब तक लगभग 85 लाख लोग भोजन कर चुके हैं। शिविरों में मानव एवं पशु चिकित्सा के लिए भी सभी इंतजाम किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 13 अगस्त को बाढ़ प्रभावित जिलों के साथ मैने समीक्षा बैठक किया था। 14 अगस्त को पटना, वैशाली, बेगूसराय एवं मुंगेर जिलों के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति को भी देखा था। हमने अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाने का निदेश दिया था। इसके बाद आज 20 अगस्त 2025 तक बाढ़ प्रभावित परिवारों को आनुग्रहिक राहत (Gratuitous Relief- GR) की राशि का भुगतान शुरू करने का भी निदेश दिया था। मुझे खुशी है कि आज 12 जिलों के 6 लाख 51 हजार 602 प्रभावित परिवारों को 7000 रुपये प्रति परिवार की दर से 456 करोड़ 12 लाख रुपये का भुगतान किया गया है।
उन्होंने कहा कि आप सभी लोगों ने बाढ़ से निपटने में बहुत अच्छा काम किया है लेकिन हम आप सभी से कहना चाहेंगे कि बाढ़ का समय अभी समाप्त नहीं हुआ है। सितम्बर महीने में भी भारी वर्षा और नदियों के जलस्तर में वृद्धि होती है। कभी-कभी बाढ़ भी आ जाती है इसलिए आप लोग पूरे तौर पर सतर्क रहिये और स्थिति पर नजर रखिये। बाढ़ जैसी स्थिति आने पर पीड़ित लोगों की पूरी संवेदनशीता के साथ मदद कीजिये। मेरा शुरू से मानना रहा है कि राज्य के खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला अधिकार है।
Updated on:
20 Aug 2025 01:53 pm
Published on:
20 Aug 2025 01:51 pm
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