रामविलास पासवान ने एससी एसटी एक्ट में हुए बदलाव को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया हैं।
(पटना/बिहार): लोक जनशक्ति पार्टी के शीर्ष नेता रामविलास पासवान ने एससी -एसटी एक्ट में हुए बदलाव को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया हैं। पासवान ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट में कोई भी बदलाव नहीं किया जाना चाहिए यह एक्ट दलितों के अधिकारों की रक्षा करने में सहायक हैं।
रामविलास पासवान ने रविवार को पटना में कहा कि एससी-एसटी एक्ट में किसी भी तरह का बदलाव नहीं होना चाहिए। पासवान ने कहा कि यदि इस नियम मेें परिवर्तन किया गया तो इसका प्रभाव कम हो जाएगा। दलित वर्ग के लोग इस एक्ट का उपयोग अपनी हितों की रक्षा के लिए करते हैं। रामविलास पासवान ने यह भी कहा कि यदि इस एक्ट में बदलाव किया गया तो दलितों पर अत्याचार बढ़ जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी ताकत इस एक्ट में बदलाव नहीें कर सकती हैं। अपने बयान में पासवान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद ही सरकार इस पर कोई एक्शन लेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने यह बदलाव किया एससी-एसटी एक्ट 1989 में
गौरतलब है कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट 1989 में बदलाव करने का आदेश दिया था। जिसमेें कहा गया था कि रिपोर्ट दर्ज करने मात्र से ही किसी को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। कोई दलित कहता है कि उस पर अत्याचार किया गया है तो अधिकारिक तौर पर जांच करने के बाद ही आरोपी के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। संबधित अधिकारी सात दिनों के अंदर जांच कर यह निश्चित करेगा कि पीड़ित की ओर से लगाए गए आरोप सत्य है या नहीं।
उल्लेखनिय है कि दलित वर्ग सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरोध में उतर आया था। 2 अप्रैल को दलितों की तरफ से भारत बंद कर विरोध जताया गया था।