
अदरक का रस एक चम्मच, तुलसी के 4-5 पत्तों का रस, शहद एक चम्मच और मुलैठी का चूर्ण एक चम्मच मिलाकर चटनी के रूप में बना लें। इसे सबह-शाम चाटने से बुखार और खांसी में आराम मिलता है। सिर का भारी होना, सिरदर्द, मिर्गी, जुकाम, सांस की तकलीफ आदि में तुलसी, अदरक व काली मिर्च से तैयार चाय पिएं।

सांस संबंधी रोगों में तुलसी के पत्ते काले नमक के साथ सुपारी की तरह मुंह में रखें।लंबे समय से होने वाली खांसी में तुलसी की पत्तियों को सेककर नमक के साथ खाएं।

तुलसी के रस में थाइमोल तत्त्व होता है। उबटन आदि में तुलसी के पत्तों को पीसकर मिला लें व त्वचा पर लगाएं। यह नेचुरल एंटीसेप्टिक की तरह काम करेगा। दाद, खुजली व त्वचा संबंधी समस्याओं में तुलसी अर्क लगाना लाभदायक है।

सुबह व शाम एक चौथाई चम्मच तुलसी के पत्तो ंके रस के साथ एक चम्मच शुद्ध शहद रोजाना लेने से सिरदर्द में लाभ होगा। किडनी की पथरी में तुलसी की पत्तियों को उबालकर बना तुलसी अर्क शहद के साथ लेना पथरी की समस्या में फायदेमंद होता है। हृदय रोगी ५ काली मिर्च, १० तुलसी के पत्ते व ४ बादाम पीसकर आधा गिलास पानी में एक चम्मच शहद के साथ ले सकते हैं।