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Raipur: भारतीय संस्कृति की आत्मा है संस्कृत, हमें इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना होगा: सीएम साय

विराट संस्कृत विद्वत् सम्मेलन में शामिल हुए छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह

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Sanskrit Sammelan

Raipur: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के संजय नगर स्थित सरयूपारीण ब्राह्मण सभा भवन में 7 सितंबर को विराट संस्कृत विद्वत् सम्मेलन का आयोजन किया गया।

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कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सरयूपारीण ब्राह्मण सभा छत्तीसगढ़ के प्रचार-पत्रक का विमोचन किया। विराट संस्कृत विद्वत् सम्मेलन का आयोजन संस्कृत भारती छत्तीसगढ़ एवं सरयूपारीण ब्राह्मण सभा छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

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सीएम साय ने कहा कि संस्कृत शिक्षा आधुनिक युग में भी प्रासंगिक और उपयोगी है। संस्कृत भाषा और साहित्य हमारी विरासत का आधार हैं, जिन्हें हमें संरक्षित और संवर्धित करना चाहिए। संस्कृत भारतीय संस्कृति की आत्मा है। हमें इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना होगा।

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मुख्यमंत्री साय ने कार्यक्रम में सरयूपारीण ब्राह्मण समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया। इनमें गठिया रोग विशेषज्ञ डॉ. अश्लेषा शुक्ला, उत्कृष्ट तैराक अनन्त द्विवेदी तथा पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सच्चिदानंद शुक्ला शामिल थे।

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रायपुर में आयोजित विराट संस्कृत विद्वत् सम्मेलन में छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह भी शामिल हुए।

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने कहा कि संस्कृत हमारी संस्कृति, अध्यात्म और ज्ञान-विज्ञान की मूल धारा है। यह आवश्यक है कि हम आने वाली पीढ़ियों तक इस अमूल्य धरोहर को सरलता से पहुंचाएं और व्यवहारिक जीवन में अपनाएं।

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सम्मेलन को संस्कृत भारती के प्रांताध्यक्ष डॉ. दादू भाई त्रिपाठी दंडी स्वामी डॉ. इंदुभवानंद महाराज, सरयूपारीण ब्राह्मण सभा छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ. सुरेश शुक्ला और अखिल भारतीय संस्कृत भारती शिक्षण प्रमुख डॉ. श्रीराम महादेव ने भी संबोधित किया।

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इस अवसर पर डॉ. सतेंद्र सिंह सेंगर, अजय तिवारी, बद्रीप्रसाद गुप्ता सहित बड़ी संख्या में संस्कृत शिक्षक, सामाजिक प्रतिनिधि और गणमान्यजन उपस्थित थे।