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राजद और कांग्रेस के महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि ‘हम’ प्रारंभ से ही गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के पक्षधर हैं। उन्होंने आरक्षण की सीमा 10 से 15 प्रतिशत करने की मांग की। उधर, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने इस मामले पर कोई सीधी प्रतिक्रिया देने से बचते रहे। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार को आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की इतनी ही चिंता है तो अपने वादे के अनुसार सभी के खाते में 15-15 लाख रुपये अब तक क्यों नहीं डाले गए।
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तेजस्वी ने सवाल किया कि केंद्र सरकार आखिर जातिगत जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक क्यों नहीं कर रही है? इधर, जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सवर्ण आयोग का गठन कर इसकी शुरुआत पहले ही कर दी थी।