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राजनीति के दागी धुरंधरों की कहानी, जो जेल से रख रहे चुनाव पर नजर

जेल में रहकर ही सियासत में दखल
सजा काट रहे बाहुबलियों की है लोकसभा चुनाव पर नजर
कोई बांट रहा टिकट, तो कोई लड़ा रहा चुनाव

नई दिल्लीMay 05, 2019 / 07:35 am

Chandra Prakash

bihar

राजनीति के दागी धुरंधरों की कहानी, जो जेल से रख रहे चुनाव पर नजर

नई दिल्ली। देश की सियासत में जब जब दिग्गज नेताओं का जिक्र होता है तो अनायास ही बाहुबली और दागदारों का नाम भी आ ही जाता है। ऐसे नेता जो खुद तो अपने कर्मों की सजा काल कोठरी के अंदर भुगत रहे हैं, लेकिन देश की सियासत पर बराबर पकड़ बनाए हुए हैं। ये जेल के अंदर से ही अपने समर्थकों को संदेश भेजते हैं और राजनीति की चौसर पर अपनी चाल चलते हैं।

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लालू प्रसाद यादव ( lalu prasad yadav ) : झारखंड के रांची में स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में लगभग 2800 कैदी बंद हैं। लेकिन इनके बीच एक नाम ऐसा भी है, जो जेल की सलाखों के पीछे से बिहार की राजनीति को अपने काबू में करना चाहता है। ये हैं राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख और सूबे के पूर्व सीएम लालू यादव। लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2019) में महागठबंधन से लेकर सीटों के बंटवारे और प्रत्याशियों चयन तक में लालू का फैसला सर्वमान्य है। चारा घोटाला के कई मामलों में सजा काट रहे लालू अपने सोशल मीडिया अकाउंट से समय समय पर अपनी बात शेयर करते रहते हैं। जिसका संचालन उनका परिवार करता है। यानि सीधे जेल से ही पार्टी और सियासत पर कंट्रोल।

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मोहम्मद शहाबुद्दीन ( Mohammad Shahabuddin) : एशिया की सबसे बड़ी और हाईटेक तिहाड़ जेल में अपने किए की सजा काट रहे मोहम्मद शहाबुद्दीन को कभी सीवान में खौफ का दूसरा नाम कहा जाता था। सीवान तेजाब कांड से जरायम की दुनिया की में आने वाले शहाबुद्दीन से मिलने वालों का जेल में तांता लगा रहता है। हर बार की तरह इसबार भी सिवान लोकसभा सीट पर उनकी नजर है। उनकी पत्नी हीना शहाब (Heena Sahab) तीसरी बार इस सीट से प्रत्याशी हैं। कहा जाता है कि अपहरण, हत्या और धमकी मामले में सजायाफ्ता शहाबुद्दीन ने जेल में अपने मुखबिर बना रखे हैं। जो बाहर घटने वाली हर घटना के पल पल की खबर उनतक पहुंचाते हैं। ये लालू के बेहद करीबी हैं।

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प्रभुनाथ सिंह ( Prabhunath Singh ) : विधायक अशोक सिंह हत्याकांड मामले में सजायाफ्ता पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह एक समय लालू के सिपहसालार हुआ करते थे। फिलहाल झारखंड के हजारीबाग जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे हैं। जेल के अंदर से ही प्रभुनाथ महाराजगंज सीट से चुनाव लड़ने वाले अपने बेटे रणधीर कुमार सिंह के लिए काम कर रहे हैं। सियासी मंचों पर बेशक उनकी मौजूदी नहीं है लेकिन चुनावी मैदान में उनकी ताकत विपक्षी दलों को आज भी परेशान करता है।

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आनंद मोहन सिंह ( Anand Mohan Singh ) : बिहार की सहरसा जेल में बंद पूर्व सांसद आनंद मोहन राजनीति में अपना सिक्का कायम रखना चाहते हैं। कांग्रेस से टिकट ना मिलने से खफा आनंद ने अपनी पत्नी लवली को लोकसभा पहुंचाने का प्रण ले रखा है। जेल में रहकर भी शिवहर सीट पर पत्नी के कैंपेन के लिए उन्होंने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। इसी का नतीजा है कि कई बार उनके उनके समर्थक ‘जेल का फाटक टूटेगा, आनंद मोहन छूटेगा’ के नारे लगा रहे हैं। आनंद मोहन तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया की हत्या के मामले सजा काट रहे हैं।

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राजबल्लभ यादव ( Raj Ballabh Yadav ) : नाबालिग लड़की से बलात्कर के दोषी पूर्व मंत्री राजबल्लभ यादव जेल से ही पत्नी के लिए काम कर रहे हैं। लालू से करीबी होने की वजह से आरजेडी ने उनकी पत्नी विभा देवी को नवादा से कैंडिडेट बनाया है। यादव के राजनीतिक रसूख का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि खुद राबड़ी देवी ने विभा के लिए सभाएं की हैं और राजबल्लभ को निर्दोष बताया। राजबल्लभ ने नौ फरवरी 2016 को एक नाबालिग लड़की को शराब पिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था और नवादा जेल में बंद हैं।

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