
चेन्नई: पन्नीरसेल्वम की मुश्किलें बढ़ीं, मद्रास हाईकोर्ट ने पूछा- क्यों नहीं हो सकती सीबीआई जांच
चेन्नई।मद्रास उच्च न्यायालय ने मंगलवार को तमिलनाडु सरकार से पूछा कि आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति एकत्रित करने के आरोप में उपमुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच का आदेश क्यों नहीं दिया जाना चाहिए।
क्या कहा हाईकोर्ट ने
न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन ने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम यानी डीएमके के राज्यसभा सदस्य आरएस भारती द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान यह सवाल उठाया कि ओ पन्नीरसेल्वम के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश क्यों नहीं दिया जाना चाहिए। भारती ने तमिलनाडु विधानसभा द्वारा तमिलनाडु लोकायुक्त अधिनियम, 2018 पारित करने के एक सप्ताह बाद उपमुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम और उनके परिवार के खिलाफ जांच करने के लिए सतर्कता और भ्रष्टाचार निदेशालय (डीवीएसी) को निर्देश देने के लिए मद्रास उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी । पन्नीरसेल्वम पर आय के ज्ञात स्रोतों के मुकाबले अधिक सम्पत्ति एकत्र करने का आरोप है।
डीएमके का आरोप
अपनी याचिका में डीएमके सचिव आरएस भारती ने आरोप लगाया है कि ओपीएस ने अपनी आधिकारिक स्थिति का दुरुपयोग किया है और अपने तथा परिवार के सदस्यों के ऐशो आराम के लिए बेनामी समपत्ति इकठा की। भारती ने कहा कि ओपीएस ने आयकर अधिकारियों और चुनाव आयोग के सामने झूठी घोषणाएं की हैं। इसलिए वह आयकर अधिनियम जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, भारतीय दंड संहिता, बेनामी लेनदेन रोकथाम कानून और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत दंडित किये जाने के पात्र हैं।
ओपीएस पर गंभीर आरोप
ओपीएस पर आरोप है कि 2016 में उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में अपनी सम्पतियों के बारे में झूठी जानकारी दी थी। डीएमके सांसद ने कहा कि एआईएडीएमके नेता पन्नीरसेल्वम कई जगहों पर भूमि के मालिक हैं। आरोप है कि ओपीएस ने भूमि के ब्योरे का खुलासा नहीं किया था। भारती ने यह भी आरोप लगाया कि उनकी पत्नी के पास सम्पत्ति बढ़ती जा रही हैं जबकि वह वह एक गृहिणी हैं और उनकी आय का कोई स्रोत नहीं है।
Published on:
17 Jul 2018 01:54 pm
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