अब
शिवसेना (
shivsena ) में नव-निर्वाचित असंतुष्ट विधायकों की संख्या 11 तक पहुंच चुकी है। इसके अलावा कई MLA भी मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज चल रहे हैं।
बंगाल की खाड़ी में बन रहा बड़ा चक्रवात, देश के इन राज्यों में बारिश के साथ फिर बढ़ेगी सर्दी चंद्रयान3 को लेकर इसरो ने किया बड़ा खुलासा, लॉन्च नहीं होगा मिशन! शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता जो पहले मंत्री रह चुके हैं, उन्होंने तो उद्धव के ठाकरे ही पार्टी छोड़ने तक की धमकी दे दी है। यही हाल कांग्रेस में भी है। पार्टी ने नाराज विधायक संग्राम थोपटे को शांत करने की कोशिश की तो मुंबई के धाकड़ विधायक अमीन पटेल ने सीधे पार्टी आलाकमान को चिट्ठी लिख दी है।
उधर शिवसेना के ही वरिष्ठ नेता दिवाकर राउते ने खुद के असंतोष को लेकर उठ रहे सवालों पर सफाई दी है। राउते ने कहा है कि मैं पार्टी का पुराना और वफादार सिपाही हूं।
पार्टी के लिए काम करता आया हूं और करता रहूंगा। मैं मंत्रिमंडल के विस्तार के दौरान भी मौजूद रहा और मुझे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है।
आपको बता दें कि पार्टी में लगातार विधायकों को नाराज होने का सिलसिल जारी है। मंत्री पद नहीं मिल पाने के वजह से शिवसेना के 11 से ज्यादा एमएलए-एमएलसी नाराज बताए जा रहे हैं।
इनमें कम से कम 11 तो एमएलए बताए जा रहे हैं, जो मंत्री नहीं बनाए जाने पर असंतुष्ट बताए जा रहे हैं। इनमें से दो ने तो खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर भी की है। ये विधायक हैं मुंबई से सटे ठाणे से तीन बार के विधायक प्रताप सरनाईक और भास्कर जाधव, जो विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एनसीपी छोड़कर शिवसेना में शामिल हुए थे।
सरनाईक ने मंत्री नहीं बनाए जाने पर अपनी नाराजगी कुछ इस कदर जाहिर की है- “शायद मैं पार्टी नेतृत्व के प्रति अपनी पूरी वफादारी दिखा पाने में नाकाम रहा हूं और भविष्य में इसके लिए और कोशिश करूंगा।” जबकि, जाधव ने तो सीधा आरोप लगा दिया है कि “जब मैं सेना में आया था तो मुझे मंत्री बनाए जाने का वादा किया गया था। “