पीएम मोदी ने नैशनल रिकॉर्ड्स ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) सहित कई मुद्दों पर अपनी बात खुलकर रखी है। इस दौरान उन्होंने विपक्षी एकता पर भी तंज कसा। एएनआई को दिए साक्षात्कार में पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष का महागठबंधन विकास का नहीं, बल्कि विरासत का महागठबंधन हैं। देश के लोगों को केवल इंतजार इस बात का है कि महागठबंधन चुनाव के पहले लड़खड़ाता है या उसके बाद।
विपक्ष जान बूझकर यह भ्रम फैला रहा है कि एनडीए में टूट के कगार पर है। इतना ही नहीं विपक्ष इस बात का भी भ्रम फैला रहा है कि भाजपा क्षेत्रीय दलों को तोड़ने में लगी है। उन्होंने एनडीए के सहयोगी दलों के नाखुश होने की खबरों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि एनडीए के सहयोगी दल एकजुट हैं। अविश्वास प्रस्ताव और राज्यसभा उपसभापति चुनाव में जीत इसका सबूत हैं। उन्होंने कहा कि हमको एनडीए से बाहर के दलों का भी समर्थन मिला हुआ है और यह महागठबंधन में अभी से टूट का संकेत है। सच बात तो यह है कि महागठबंधन कभी अस्तित्व में उभरकर पूरी तरह से नहीं आया।
एनसीआर पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के बयान पर उन्होंने कहा कि जिन लोगों का खुद के ऊपर से विश्वास खत्म हो गया है, उन लोगों को अपना वोट बैंक खोने का डर सता रहा है। ऐसे लोग गृहयुद्ध, खूनखराबा और देश के टुकड़े-टुकड़े जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। भरोसा खोने वालों को अब देश की संस्थाओं पर भी भरोसा नहीं नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि खूनखराबा की बात करने वालों को देश के नब्ज की समझ नहीं है। मैं, लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि किसी भी नागरिक को अपना वतन नहीं छोड़ना पड़ेगा। एक प्रक्रिया के तहत ऐसे लोगों को मौका दिया जाएगा।
पीएम मोदी ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई भी घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। महिलाओं के खिलाफ अपराध पर भी उन्होंने चिंता जाहिर की है। समाज में शांति और एकता सुनिश्चित करने के लिए हर किसी को राजनीति से उठकर आगे आना चाहिए। सभी को ऐसी घटनाओं का कड़ा विरोध करना चाहिए। आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य विपक्षी दलों के नेता अक्सर आरोप लगाते रहते हैं कि पीएम मोदी महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों और लिंचिंग की घटनाओं पर चुप्पी साधे रहते हैं।