कुर्सी राहुल गांधी से अलग आवंटित की थी
दरअसल, राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो पार्टी नेतृत्व ने जानबूझकर प्रियंका की कुर्सी राहुल गांधी से अलग आवंटित की थी। इसके पीछे कांग्रेस की मंशा यह संदेश देने की रही पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की छोटी बहन प्रियंका उतनी ही महत्वपूर्ण हैं, जितने कि अन्य नेता। पार्टी नेताओं को कांग्रेस का यह संदेश भी रहा कि परिवार का सदस्य होने के नाते प्रियंका गांधी को कोई विशेष तवज्जो नहीं दी जा रही है। जानकारों के अनुसार इस घटना को लेकर कांग्रेस की मानसिकता न केवल पार्टी के भीतर बल्कि आम लोगों में भी एक सकारात्मक संदेश भेजने की रही।
प्रियंका गांधी को पार्टी का महासचिव बनाया
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस ने अपना ट्रंप कार्ड चलते ही प्रियंका गांधी को पार्टी का महासचिव बनाया है। इसके साथ ही प्रियंका को पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी भी बनाया गया है। इससे साफ हो गया है कि कांग्रेस का पूरा फोकस इस बार राजनीतिक लिहाज से सबसे अहम उत्तर प्रदेश पर है। हालांकि राहुल गांधी यह साफ कर चुके हैं कि प्रियंका केवल यूपी ही नहीं, बल्कि देश भी में कांग्रेस के लिए काम करेंगी।