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प्रतापगढ़

कहीं उपकरण तो कहीं चिकित्साकर्मियों का टोटा

जिला चिकित्सालय में नहीं पर्याप्त चिकित्साकर्मी

प्रतापगढ़Sep 16, 2017 / 08:12 pm

rajesh dixit

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ग्रामीण इलाकों में नहीं चिकित्सक
प्रतापगढ़
कांठल के आदिवासी बाहुल्य इलाके में एक तरफ चिकित्साकर्मियों का टोटा है, वहीं उपकरण तो कहीं संचालन की सुविधा तक नहीं है। ऐसे में रोगियों और परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिला चिकित्सालय में हाल यह है कि यहां रेडियोलोजिस्ट, स्त्री रोग विशेषज्ञ तक नहीं है। वहीं चिकित्सकों के आधे पद खाली है। ऐसे में मरीजों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है। वहीं जिला चिकित्सालय में ब्लड बैंक में रक्त की उपलब्धता सभी प्रकार के गु्रप ही हर समय नहीं होती है। ग्रामीण क्षेत्र के चिकित्सा संस्थाओं पर भी हालात यही है। कहीं संसाधन तो कहीं स्टाफ का टोटा बना हुआ है। पत्रिका की ओर से की गई पड़ताल में जो स्थिति सामने आई, उसमें हालात बयां हो रहे है। सिद्धपुरा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के हालात और भी बदतर है। यहां कोई चिकित्सक नहीं है। कुणी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी के पास यहां का चार्ज है। जो बीसीएमएचओ का चार्ज भी संभालता है। यहां मेल नर्स के भरोसे केन्द्र संचालित हो रहा है। हालात यह है कि यहां ग्रामीणों को समय पर उपचार तक नहीं मिलता है। कई महिलाओं को बीमार होने पर प्रतापगढ़ लाना पड़ता है। आदिवासी बाहुल्य इलाके धोलापानी में भी हालत खराब है। यहां भवन काफी क्षतिग्रस्त हो गया है। वहीं पानी टपकने से दवाइयां खराब हो रही है।
स्टाफ पूरा, सुविधा अधूरी
चूपना
यहां चूपना प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर स्टाफ होने के बावजूद भी सुविधाओं का टोटा है। ऐसे में रोगियों को परेशानी उठानी पड़ती है। यहां चिकित्सक समेत कुल 8 लोगों का स्टाफ है। चुपना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा अधिकारी नरेंद्र वर्मा, ३ मेल नर्स, कार्यकर्ता दमयंती शर्मा, हेमलता मीणा, कंप्यूटर ऑपरेटर दिलीप शर्मा, सफाईकर्मी हरीश हरिजन, मोहनलाल चरपोटा, आनंद हरिजन शामिल है। यहां पर लेबोट्री नहीं होने के बावजूद भी हीमोग्लोबिन, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर आदि नॉर्मल ही जांचें होती है। यहां पर गर्भवती महिलाओं की हर 9 तारीख को लैब टेक्निकल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अरनोद के जांच की जाती है।
गंदगी से अटा केन्द्र
धमोतर..
यहां धमोतर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गंदगी से अटा पड़ा है। ऐसे में यह सफाई व्यवस्था का मुंह चीड़ा रहा है। यहां वैसे तो स्टाफ भी पूरा है। लेकिन उपकरण नहीं है। ऐसे में जांचें सभी प्रकार की नहीं होती है। इससे परेशानी होती है। यहां वर्तमान में चिकित्सा अधिकारी सौरभ जारोली, मेल नर्स रामलाल बैरवा, जीएनएम मयंक जोशी व मंजू तेली एलएचवी एलियम्मा व एएनएम लक्ष्मी जोशी फार्मासिस्ट पुनुराम डागला कार्यरत है।
धोलापानी
यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र काफी पुराना हो गया है। ऐसे में लोग परेशान है। हालात यहा है कि निशुल्क दवाईयां पर्याप्त होने के बावजूद सुरक्षित रखने की जगह तक नहीं है। यहां भवन में सभी तरफ पानी टपकता है। निशुल्क जांच के लिए लेब व टेक्निशियन नहीं है। जांच के लिए कुछ उपकरण है व कुछ का अभाव है। दो डॉक्टर की जगह एक ही कार्यरत है। आयुष चिकित्सक का पद रिक्त है। स्टाफ नर्स का पद रिक्त है। एएनम, एलएचवी का पद रिक्त है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का पद रिक्त है।
चला रहे है व्यवस्थाएं
चिकित्सालय में एक तरफ स्टाफ का टोटा है। वहीं रेडियालॉजी, स्त्री रोग विशेषज्ञ का पद रिक्त है। जागरुकता के अभाव में ब्लड की व्यवस्था पड़ौसी जिलों से करनी पड़ती है। स्टाफ के अभाव में शिशु एवं मातृ चिकित्सा इकाई भी बंद है। इसे शीघ्र शुरू किया जाएगा।
डॉ. ओ.पी. दायमा
प्रमुख चिकित्साधिकारी, जिला चिकित्सालय प्रतापगढ़
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